श्री कृष्ण कर्म व धर्म के अवतार थे,सन्त श्री शास्त्री।

उज्जैन। धरा धाम पृथ्वी पर जब-जब धर्म की हानि होती है तब-तब भगवान अवतार लेते हैं भगवान श्री कृष्ण धर्म के साथ-साथ कर्म के भी अवतार थे उन्होंने धर्म की रक्षा अवतार लेकर तो करी ही साथ ही साथ आने वाले योग कलयुग को दृष्टिगत रखते हुए अर्जुन को उपदेश देते हुए कर्म का उपदेश भी इसीलिए दिया था कि कलयुग में मानव धर्म आधारित कर्म को ही धर्म समझकर अपना आध्यात्मिक जीवन व्यतीत करेंगे यही धर्म एवं आध्यात्म का मार्ग कलयुग में होगा उक्त उद्गार बांके बिहारी आश्रम के संस्थापक संत श्री पंडित हरिनारायण शास्त्री ने अंकपात में आश्रम पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में आज चौथे दिवस भगवान कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग के अवसर पर उपस्थित श्रद्धालु गणों के बीच व्यक्त किए इस अवसर पर अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ने कथा के आचार्य पंडित वासुदेव शास्त्री की उपस्थिति में महाराज श्री का सम्मान कर श्रीमद् भागवत कथा का पूजन कर महाराजश्री का आशीर्वाद प्राप्त किया।