उज्जैन।आज फिर एक युवती की जान चायना की डोर ने ओर पतंगबाजी ने ली हैं। पतंगबाजी एक त्योहार ओर उत्सव है । जो मकरसंक्रांति पर मनाया जाता है । लेकिन जब से पतंगबाजी में चायना की डोर का चलन शुरू हुआ है तब से इस त्योहार में लापरवाही के कारण होने वाले हादसे ओर भी गम्भीर रूप लेने लगे है । चायना की डोर के कारण हर साल कई लोग घायल होते है ओर कई असमय ही मोत के मुँह में चले जाते है ।आज फिर उज्जैन में एक 19 वर्षीय युवती नेहा आंजना पिता अंतर सिंह आंजना निवासी जगोटी जो उज्जैन अपने मामा के यहां रह कर पढ़ाई कर रही थीं।
फ्रीगंज स्थित डेंटल क्लीनिक की ओर अपने मामा की लड़की के साथ एक्टिवा से जा रहीं थी तभी जीरो पाइंट ब्रिज पर चायना की डोर गले मे उलझने से गम्भीर रूप से घायल होगई बुरी तरह घायल लड़की को पास के पाटीदार हॉस्पिटल में भर्ती किया गया जहाँ इलाज के दौरान उसकि मोत होगई। युवती की मौत का कारण चायना की डोर थी ? या पतंगबाजी का वो अहंकार था के अगर हम चायना की डोर से पतंगबाजी नही करेंगे तो दूसरे पतंगबाज जो चायना की डोर से पतंगबाजी कर रहे है वो हमारी पतंग को काट देंगे हम अगर इस अहंकार को त्याग कर परम्परागत बरेली के मांझे या हाथ से सूती हुई डोर का उपयोग करे ओर चायना की डोर का बहिष्कार करे तो कई लोगो की जान तो बचा ही सकते है ओर पर्यावरण को होने वाले नुकसान से भी बच सकते हैं ।yathavatnews.com आपसे अनुरोध करता है की अपने परिवार और दूसरों की रक्षा के लिए चाइना की डोर का पूर्ण रूप से बहिष्कार करें।