जनजातीय सम्मान के लिए 28 फरवरी तक नामांकन एवं प्रविष्टियाँ आमंत्रित।

उज्जैन । जनजातीय कार्य विभाग के वन्या प्रकाशन द्वारा ‘विविध जनजातीय सम्मान 2021’ लिए नामांकन एवं प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गई हैं। रानी दुर्गावती सम्मान, वीर शंकर शाह-रघुनाथ शाह सम्मान, ठक्कर बापा सम्मान, जननायक टंट्या भील सम्मान, बादल भोई सम्मान और जनगण श्याम सम्मान के लिए नामांकन व प्रविष्टियां भेजने की आखिरी तिथि 28 फरवरी है। प्रत्येक सम्मान के लिए 3 लाख रुपए सम्मान राशि एवं प्रशस्ति-पट्टिका दी जाएगी।

इस तरह के सम्मान का उद्देश्य जनजातीय समाज के स्वाभिमान, नेतृत्व गुणों, त्याग और बलिदान की स्मृति को बनाए रखना है। साथ ही समाज के सम्मुख आदर्श प्रस्तुत करने तथा जनजातीय जीवन के पारंपरिक कला-कौशल और सृजनात्मक अवदान के प्रचारित-प्रसारित एवं गौरवान्वित करना है। सम्मानों से संबंधित अन्य जानकारी जनजातीय कार्य विभाग की वेबसाइट www.tribal.mp.gov.in पर प्राप्त की जा सकती है।

इन सम्मानों के लिए जनजातीय सृजनात्मक कला, शिल्प, साहित्य, संस्कृति एवं समाज सेवा के आदर्शों के अनुरूप कार्य करने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं, समाजशास्त्रियों, बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, पत्रकारों, लेखकों, समीक्षकों, विषय विशेषज्ञों, विश्वविद्यालय, शोध संस्थान और जनजातीय केन्द्रों से इस सम्मान के लिए नामांकन या अनुशंसाएँ भेज सकते हैं।

रानी दुर्गावती सम्मान।

यह राष्ट्रीय सम्मान समाज-सेवा, प्रशासन, उद्यमिता के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धि एवं योगदान के लिए जनजातीय महिला को दिया जाएगा।

वीर शंकर शाह-रघुनाथ शाह सम्मान

यह सम्मान समाज-सेवा, प्रशासन एवं उद्यमिता के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धि एवं योगदान के लिए जनजातीय पुरूष को प्रदान किया जाएगा।

ठक्कर बापा सम्मान

यह सम्मान गरीब, पीड़ित और हर तरह से पिछड़ी मध्यप्रदेश राज्य अंतर्गत जनजाति समुदाय की प्रेम, समदृष्टि और ममतापूर्ण सेवा एवं सुदीर्घ साधना के लिए संस्था/व्यक्ति को दिया जाएगा।

जननायक टंट्या भील सम्मान।

यह सम्मान शिक्षा और खेल गतिविधियों में स्वयं के उल्लेखनीय तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जनजातीय युवक-युवतियों को प्रदान किया जाएगा।

बादल भोई सम्मान।

यह सम्मान सामाजिक क्षेत्र में अदम्य साहस व वीरता के लिए जनजातीय महिला/ पुरुष/बालक/बालिका को प्रदान किया जाएगा।

जनगण श्याम सम्मान।

यह सम्मान परंपरागत एवं सृजनात्मक जनजातीय कला एवं शिल्प के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धि एवं योगदान के लिए जनजातीय महिला या पुरुष को प्रदान किया जाएगा।