आनंद शंकर व्यास के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आया ,जल्दबाजी में कार्रवाई की तो ब्राह्मण समाज करेगा विरोध , पंडित चतुर्वेदी।

उज्जैन

14 अप्रैल 023 को सायंकाल 4:00 बजे ब्राह्मण समाज के संरक्षक उज्जैन के गौरव प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर जी व्यास के स्वामित्व के मकान पर प्रशासन द्वारा जल्दबाजी में हटाए जाने के विरुद्ध ब्राह्मण समाज अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी पंडित आनंद शंकर जी व्यास के अभिभाषक मनीष मनाना एवं अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज महामंत्री तरुण उपाध्याय नगर उपाध्यक्ष तीर्थ पुरोहित उमाकांत शुक्ला जितेंद्र उपाध्याय पवन व्यास आदि पदाधिकारी पं. व्यास जी के निवास पर पहुंचे एवं वहां पर उपस्थित प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बंधुओं से रूबरू चर्चा कर ब्राह्मण समाज की ओर से इस प्रकार की जल्दबाजी में पंडित आनंद शंकर जी व्यास के विरुद्ध कार्रवाई के विरोध में उठाए जाने वाले आगामी कदम की चर्चा कर तथा न्यायिक प्रक्रिया के माननीय उच्च न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के आदेश से भी उपस्थित पत्रकार बंधुओं को अवगत कराया तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय का स्थगन आदेश जो दिनांक 13 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली ने प्रसारित किया उसकी प्रति भी सभी पत्रकार बंधुओं को उपलब्ध कराएं माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में पंडित आनंद शंकर व्यास के निवास के संबंध में स्थगन आदेश पारित किया है अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ने पत्रकार बंधुओं से चर्चा करते हुए कहा है कि बावजूद इसके यदि कोई कार्रवाई जल्दबाजी में पंडित आनंद शंकर व्यास के निवास को तोड़ने की की जाएगी तो ब्राह्मण समाज इसके विरुद्ध धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन करेगा इसके पश्चात माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के निर्णय की प्रतिलिपि प्रदान किए जाने हेतु अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज अध्यक्ष सुरेंद्र चतुर्वेदी महामंत्री तरुण उपाध्याय एवं अभिभाषक मनीष मनाना जिला कलेक्टर उज्जैन के बंगले पर पहुंचे किंतु जिला कलेक्टर से भेंट नहीं हो सकी ऐसी स्थिति में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के डिसीजन की कॉपी और आदेश की जानकारी जिला कलेक्टर एवं श्रीमती अर्चना गुप्ता तहसीलदार नगर सिटी उज्जैन के व्हाट्सएप पर प्रदान की गई एवं सर्किट हाउस पर सायंकाल 6:30 बजे अनुविभागीय अधिकारी कल्याणी पांडे की उपस्थिति में अर्चना गुप्ता तहसीलदार को माननीय सर्वोच्च न्यायालय की कॉपी प्रदान कर रिसीव प्राप्त की गई।