उज्जैन: हरी से हर का का मिलन होगा उज्जैन में। हरि हर मिलन

उज्जैन। उज्जैन में निभाई जाती हे एक अनोखी परम्परा ,देव प्रबोधनी एकादशी के नाम से जाना जाता हे जिस समय भगवान विष्णु चिरनिंद्रा से जाग कर संसार का भार शिव से पुनः लेते हे उस अवसर को हरी ओर हर के मिलन के रूप को उज्जैन में उत्स्व के रूप में मनाया जाता हे ऐसा कहा जाता हे की भगवान श्री हरी देव शयनी एकादशी को संसार का सारा काम काज भगवान शिव को देकर अपनी चिर निंद्रा में चले जाते हे जब तक भगवान विष्णु अपनी योग निंद्रा में रहते हे तब तक समस्त जग को भगवान महादेव सम्हालते हे उज्जैन में ऐसी परम्परा हे की एकादशी के तीसरे दिन आने वाली चतुर्दशी को हर पृथ्वी का कामकाज हरी को सोप देते हे।
महाकाल मंदिर से चांदी की पालकी में राजसी ठाट बाट से आते हे बाबा महाकाल।
महाकाल नगर से चांदी की पालकी में सवार होकर बाबा महाकाल भगवान विष्णु को मिलने उनके गोपाल रूप में उनके मंदिर आते हे जो नगर के मध्य में स्थित हे जिसे गोपाल मंदिर कहा जाता हे बाबा के साथ ही आती हे ढोल नगाड़ो के साथ उज्जैन नगर की जनता
इस वर्ष 3 नवंबर को होगा हरी हर मिलन इस वर्ष एक ही दिन में दो बार निकलेगी नगर में बाबा महाकाल की सवारी
जहां सामन्य समय बाबा महाकाल सोमवार को दिन में एक बार ही नगरभृमण कर के वापस मंदिर लोट जाते हे लेकिन इस बार बाबा महाकाल दो बार देंगे नगर वासियो को दर्शन

"हरी से हर का मिलन – भगवान विष्णु और भगवान महाकाल का दिव्य संगम, 3 नवंबर को होने वाला हरी हर मिलन उत्सव, सुनहरी रोशनी और भक्तिमय वातावरण के साथ।"
“हरी से हर का मिलन – भगवान विष्णु और भगवान महाकाल का दिव्य संगम, 3 नवंबर को होने वाला हरी हर मिलन उत्सव, सुनहरी रोशनी और भक्तिमय वातावरण के साथ।”
 मान्यता है किए श्री हर (श्री महाकालेश्वर भगवान) श्री हरि (श्री द्वारकाधीश जी) को सृष्टि का भार सौपते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री प्रथम कौशिक ने  बताया कि परम्परा अनुसार श्री महाकालेश्वर मंदिर के आन्तरिक परिसर स्थित सभामंडप से रात्रि 11 बजे श्री महाकालेश्वर भगवान की पालकी धूम-धाम से गुदरी चोराहा, पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी। जहां पूजन के दौरान बाबा श्री महाकालेश्वर जी बिल्व पत्र की माला श्री गोपाल जी को भेट करेंगे एवं वैकुण्ठनाथ अर्थात श्री हरि तुलसी की माला बाबा श्री महाकाल जी को भेट करेंगे। पूजन उपरांत श्री महाकालेश्वर जी की सवारी पुनः इसी मार्ग से श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आयेगी। सवारी के साथ मंदिर के पुजारी-पुरोहित, कर्मचारी, अधिकारी आदि सम्मिलित होंगे एवं  हरिहर मिलन सवारी के पश्चात श्री महाकलेश्वर मंदिर में प्रातः काल भस्मार्ती में भी हरिहर मिलन होगा।
हरिहर मिलन सवारी के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु प्रकाश व्यवस्थाए सुरक्षा बलों की तैनाती, पेयजल, विद्युत एवं अग्नि सुरक्षा, चिकित्सा तथा सफाई व्यवस्था फायर ब्रिगेड दल, मोटरसाइकिल फायर ब्रिगेड तथा फायर एक्सटिंग्विशर कर्मियों को पालकी के आगे एवं पीछे पाबंद किये जाने एवं अन्य सुरक्षात्मक व्यवस्थाऐं की जावेगी।