रीवा। कोविड-19 में वर्चुअल माध्यम से सूचना के अधिकार कानून की जानकारी के साथ-साथ अन्य लीगल नॉलेज को जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रारंभ किए गए जूम मीटिंग का 83 वां एपिसोड संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में राजस्थान रहें और सभी पार्टिसिपेंटस का मार्गदर्शन करते रहें।
से आरटीआई एक्टिविस्ट ताराचंद जांगिड़ एवं उत्तराखंड से वीरेंद्र कुमार ठक्कर सम्मिलित हुए जिन्होंने सूचना आयोग के आदेश के बावजूद अनुपालना न होने पर सूचना आयोग की शक्तियां और अपीलार्थी के अधिकार विषय पर अपने विचार रखें ।कानूनी जानकारी के साथ विस्तृत चर्चा करते हुए ताराचंद जांगिड़ ने बताया कि किस प्रकार भारतीय दंड संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता के तहत विभिन्न धाराओं के तहत ऐसे लोक सूचना अधिकारियों और जिम्मेदार लोक प्राधिकारीयों के ऊपर थाने में एफ आई आर दर्ज करवाई जा सकती है और यदि थाना एफआइआर दर्ज करने से मना करें तो उस स्थिति में सीधे निचली अदालत पर जाकर आर टी आई अधिनियम की अवहेलना करने के लिए एवं सेवा आचरण नियम के विरुद्ध आचरण करने के लिए धारा 166, 188 एवं 420 के तहत प्रकरण दर्ज करवाया जा सकता है। प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार ठक्कर ने भी अपने विस्तृत अनुभव साझा किए और उपस्थित दर्जनों पार्टिसिपेंट्स के प्रश्नों के जवाब दिए। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से आरटीआई कार्यकर्ता देवेंद्र अग्रवाल और राजस्थान से सुरेंद्र जैन ने भी मामले पर अपने विचार और अनुभव साझा किए। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक एवं आरटीआई कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के द्वारा किया गया। 23 जनवरी 2022 को मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह का जन्मदिन होने के कारण वह कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके जिस पर उपस्थित सभी पार्टिसिपेंट्स ने उनके अब तक के सूचना आयुक्त के कार्यकाल की काफी प्रशंसा की और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी और कहा कि ऐसे ही वह सूचना के अधिकार के क्षेत्र में अपने नवाचारों और ऐतिहासिक निर्णय से बदलाव लाते