जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण में हुआ अहम फैसला.
उज्जैन।न्यायालय श्रीमान सुनील मालवीय, अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, तहसील बड़नगर, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण 01. उमराव पिता रणसिंह, उम्र-66 वर्ष, 02. लाखन पिता लालसिंह, उम्र 42 वर्ष, 03. मेहरबान पिता उमराव, उम्र 30 वर्ष, 04. कालू पिता उमराव, उम्र 28 वर्ष, 05. गोपाल पिता उमराव, उम्र 26 वर्ष, 06. धर्मेन्द्र पिता लालसिंह, उम्र 41 वर्ष समस्त निवासीगण बालोदालक्खा तहसील बडनगर जिला उज्जैन को धारा 302/149 भादवि में समस्त आरोपीगणों को आजीवन कारावास, धारा 148 भादवि एवं 25 आयुध अधिनियम में 01-01 वर्ष समस्त आरोपीगण को सश्रम कारावास एवं धारा 323/149 भादवि में 06-06 माह का समस्त आरोपीगण को सश्रम कारावास एवं कुल 20,000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि, घटना इस प्रकार है कि, दिनांक 26.05.2016 को फरियादी महेन्द्र ने पुलिस को प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि आज दिनांक 26.05.2016 को करीब 02ः30 बजे की बात हैं मै,ं शंभू यादव एवं संदीप को घनश्याम पिता भौमसिंह का खेत दिखाने ले गया था, वहां पर घनश्याम व मेरी मौसी का लड़का शैलेन्द्र, मॉ गंगाकुंवर खेत पर टे्क्टर से खेत हंकवा रहे थे वहां मौजूद लाखन ने खेत हांकने का मना किया व बोला कि उमरावसिंह को लाता हॅू, थोडी देर बाद उमरावसिंह, लाखन सिंह, मेहरबानसिंह मोटरसायकिल से अपने हाथ में तलवार लेकर कालूसिंह, गोपाल, धर्मेन्द्रसिंह हाथ में लकडियां लेकर आये सभी एकमत होकर गांलिया देते हुये आये व बोल रहे थे कि घनश्याम को छोडंेगें नहीं ओर आज जान से मार दो, बहुत दिन हो गये है। उमरावसिंह, लाखनसिंह, मेहरबानसिंह तीनों ने तलवार से घनश्यामसिंह को मारना चालू कर दिया, घनश्यामसिंह के सिर में लग जाने से नीचे गिर गया, बीच-बचाव करने शैलेन्द्र व गंगाबाई आये तो उनको कालूसिंह, गोपाल, धर्मेन्द्र एवं लाखनसिंह ने लकडियों एवं लातघूसांें से मारपीट की। मारपीट के दौरान घनश्याम की मौके पर ही मृत्यु हो गई तथा गगंाकुवंर व शैलेन्द के सिर, हाथ, पैर मे चांेटे आई। इनका काफी समय से उमराव व उनके परिवार का जमीन से संबंधित विवाद चल रहा हैं, कोर्ट के आदेशों से ही जमीन हांकने गये थे। फरियादी कि रिपोर्ट पर पुलिस थाना भाटपचलाना द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर आवश्यक अनुसंधान पश्चात् न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगणों को दण्डित किया गया।
प्रकरण में उप-सचंालक (अभियोजन) डॉ0 साकेत व्यास द्वारा पैरवीकर्ता को मार्गदर्शन दिया गया, प्रकरण में पैरवी श्रीमती भारती उज्जालिया, विशेष लोक अभियोजक, तहसील बड़नगर जिला उज्जैन द्वारा की गई।