उज्जैन।
न्यायालय श्रीमान संतोष प्रसाद शुक्ला, अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण 01. प्रदीप कुमार पिता दीनानाथ प्रसाद कुर्मी, निवासी-इंडस सेटेलाइट ग्रीन बी-24, इंदौर 02. विशाल कुमार उर्फ विक्की पिता सुमन कुमार श्रीवास्तव, निवासी- वसुन्धरा वैभव नगर रूम नंबर 2 फस्र्टफलोर कनाडिया रोड, इंदौर को धारा 120बी, 420सहपठित 120-बी, 471 सहपठित 120-बी भादवि में मे 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 6 लाख रू0 के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
उप-संचालक अभियोजन डाॅ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि, फरियादी मो. हाशिम ने बताया कि उसकी पुत्री सानिया के मोबाइल नंबर पर किसी व्यक्ति का फोन आया था, जिसने अपना नाम राकेश बताया था। उक्त राकेश ने उसकी पुत्री से कहा था कि वह उसका एडमिशन मेडिकल काॅलेज में करा देगा। फरियादी की पुत्री ने राकेश को फरियादी का नंबर दिया था। राकेश ने उसी नंबर पर फरियादी को फोन करके बताया कि वह छात्रों से डोनेशन लेकर उनका दाखिला मेडिकल काॅलेजों में करवाता है। बातचीत होने पर राकेश ने फरियादी को 25-लाख रूपये डोनेशन, 3,70,000/-रूपये एक वर्ष की फीस और पचास हजार रूपये काॅशनमनी का लगना बताया था और कहा था कि उज्जैन के आर्डी गार्डी काॅलेज में वह उसकी बेटी का एडमिशन करा देगा। राकेश के बुलाने पर फरियादी अपने परिचित बद्रीलाल एवं अनिल कुमावत, इमदाद बेग के साथ 01.10.2013 को सुबह लगभग 10.30 बजे आर्डी गार्डी काॅलेज पहुंच गया। काॅलेज पहुंचने पर राकेश ने फरियादी को बताया कि वह काॅलेज नहीं आ पा रहा है, अस्पताल स्टाॅफ का व्यक्ति उन्हें मिलेगा। उक्त व्यक्ति ने फरियादी को फोन किया और इंतजार करने को कहा। 2-घंटे बाद वह व्यक्ति उनके पास आया, अपना नाम नहीं बताया और उन्हे काॅलेज के अंदर ले गया, जहां पर दो-तीन मिनिट में तीसरा व्यक्ति जो डाॅक्टर के कपड़े पहने हुए था, वहां आया और उसने अपना नाम डाॅ. अनिल जैन बताया। डाॅ अनिल जैन ने फरियादी और उसके साथ के लोगों को केंटीन में चाय पिलाई। केंटीन का मैनेजर उस डाॅक्टर को व्यक्तिगत रूप से जानता था। फरियादी द्वारा डाॅ. जैन से एडमिशन का प्रूफ मांगने पर उसने कहा कि आप दस मिनिट रुको, मेरा असिस्टेंट आपको एडमिशन का पत्र देगा तब उसे 25-लाख रूपये दे देना और उसके द्वारा बताये जाने पर फीस का ड््राफ्ट बनवाकर उज्जैन आ जाना। काॅलेज के बाहर निकलकर फरियादी और उसके साथ के लोग अपनी कार में बैठै ही थे, तभी डाॅक्टर का असिस्टेंट आया और उसके साथ वह व्यक्ति भी आया जो उन्हे काॅलेज के अंदर ले गया था। उन दोनों ने फरियादी से गिनकर 25-लाख रूपये नगद प्राप्त किये। उक्त घटना के बाद फरियादी की निरंतर बातचीत उपरोक्त बताये गये नंबरों पर होती रही, फिर डाॅ. अनिल जैन ने उसे कहा कि 09.10.2013 को वह फीस का ड््राफ्ट बनवाकर उज्जैन आ जाये तब फरियादी फीस का ड््राफ्ट बनवाकर अपनी पत्नी आशा छोटे पुत्र, पुत्री सानिया और अनिल कुमावत के साथ 12.10.2013 को सुबह 10.00 बजे उज्जैन पहुंचा। जहा एक व्यक्ति ने उनसे फीस का ड््राफ्ट ले लिया। अनिल जैन ने फोन पर 50,000/- रुपये नगद काॅशनमनी के जमा कराने को कहा तब फरियादी ने कहा कि उसे काॅलेज की सील वाली रसीद चाहिये तब वह पैसे देगा। डाॅ. अनिल जैन ने फोन करने पर उसे बताया कि आज काॅलेज बंद हो गया है, 16 तारीख को इंटरव्यू के लिये आईयेगा। फरियादी ने उससे अपने पैसे वापस मांगे तो डाॅ. अनिल जैन ने उन्हे डाॅ महाडिक से मिलाने की बात की और उसके बाद उक्त सभी लोगों ने अपना मोबाइल स्विच आफ कर लिया और उससे संपर्क बंद कर दिया। जब एडमिशन पत्र को ध्यान से देखा तब ज्ञात हुआ कि वह पत्र फर्जी है, उसमें काॅलेज के डायरेक्टर का नाम गलत लिखा है। पुलिस थाना चिमनगंजमंडी द्वारा आरोपीगण के विरूद्ध धारा 120बी, 420सहपठित 120-बी, 471 सहपठित 120-बी भादवि में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था। माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री रूपसिंह राठौर , विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई।