उज्जैन में होने वाली पं. प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) , शिवमहापुराण कथा में सेवा कार्य के लिए कहा करा सकते पंजीयन जानिए।

पहले आओ पहले स्थान पाओं, कथा मे पास की व्यवस्था नही रहेगी।

उज्जैन: विश्वविख्यात सुप्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) के श्रीमुख से शिवमहापुराण का पुनित आयोजन दिनांक 4 अप्रैल 2023 से दिनांक 10 अप्रैल 2023 तक बड़नगर रोड़, उज्जैन पर किया जा रहा है। शिवमहापुराण कथा में सेवा कार्य के लिए बड़नगर रोड़ स्थित विट्ठलेश सेवा समिति के कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है। कथा श्रवण के लिये पहले आओं पहले स्थान पाओं, किसी भी प्रकार के पास की व्यवस्था नही रहेगी। साथ ही किसी के कहने पर भी दान, दक्षिण भेंट ना करे कार्यालय में ही संपर्क कर दान दक्षिणा भेंट कर रसीद प्राप्त करें।
प्रथम सेवक महापौर श्री मुकेश टटवाल एवं विट्ठलेश सेवा समिति के अध्यक्ष श्री प्रकाश शर्मा द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि 4 अप्रैल से आयोजित होने वाली शिव महापुराण कथा की व्यवस्थाओं एवं सहयोग के लिए बड़नगर रोड पर विट्ठलेश सेवा समिति उज्जैन का कार्यालय प्रारंभ किया गया है जहां कथा में जो इच्छुक व्यक्ति अपनी सेवा देना चाहता है वह यहां पंजीयन करा सकता है पंजीयन करवा कर समिति तय करेगी कि किसे कौन सी समिति में रखना है इसके पश्चात वह अपनी सेवा समिति में दे सकता है साथ ही यह भी जानकारी देते हुए बताया कि शिव महापुराण कथा के लिए किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग नहीं लिया जा रहा है यदि कोई भी कथा के नाम से सहयोग राशि मांगता है तो वह पूर्ण रूप से निराधार एवं असत्य है इसलिए किसी के भी कहने या बहकावे में आकर बिना किसी तथ्यात्मक जानकारी के किसी भी अप्रिय व्यक्ति को दान या नगद राशि ना दें, कार्यालय प्रारंभ किया गया है वहां पर जाकर ही इच्छुक व्यक्ति अपनी आवश्यकता के अनुसार दान देकर विधिवत रसीद कार्यालय से प्राप्त कर सकता है।
समिति ने शहर वासियों से अपील की गई है कि यह कथा उज्जैन शहर की समस्त जनता के सहयोग से की जा रही है इसमें सभी शहर वासियों के साथ-साथ व्यापारी भाइयों, संस्थाओं प्रमुखों एवं समाज जनों के सहयोग से की जा रही है सभी इस में उपस्थित होकर सेवा कार्य पूर्ण मनोभाव से करें साथ ही कथा में किसी भी प्रकार के पास की व्यवस्था भी नहीं की गई है जो भी कथा में पहले आएगा वही पहले स्थान पाएगा साथ ही उज्जैन शहर की जनता कथा में पूर्ण सहयोग करते हुए उज्जैन शहर की गौरव, परंपरा एवं अतिथि सत्कार से सभी बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करेगी यही अपेक्षा की जाती है।