ऐसे  शरारती तत्वों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई हो, इनके मकान तोड़े जाएं- मंगेश श्रीवास्तव।

उज्जैन। भगवान महाकाल की सवारी के दौरान मार्ग पर जो घटना घटी उसकी सभी ओर भर्त्सना हो रही है। संतगणों सहित हिंदू समाज में गहरा आक्रोश है। पुलिस प्रशासन ने उनके खिलाफ सख्त कारवाई की है। नगर निगम भी उनके घरों पर कारवाई कर रही है। बड़ी संख्या में आमजनों ने और संत समाज ने इस घटना की निंदा की है लेकिन अभी तक मुस्लिम समाज की तरफ से निंदा नहीं की गई है। कोई गलत करे तो उसकी निंदा होना ही चाहिए।
इंदिरा नगर विकास समिति वार्ड 5 के अध्यक्ष मंगेश श्रीवास्तव ने कहा कि विगत वर्ष श्रीराम मंदिर निर्माण समर्पण निधि के जुलूस पर पत्थर फेंके। इसके पूर्व भी मोहर्रम के जुलूस के दौरान मार्ग पर तोड़फोड़ हो चुकी हैं। जगन्नाथ रथयात्रा पर पत्थरबाजी की जा चुकी है। फवारा चौक पर गणेशजी की प्रतिमा बैठाने पर एक हिंदू की हत्या पूर्व में हो चुकी है। सीएए के समर्थन में कांग्रेस सरकार के संरक्षण में महाकाल मंदिर का रास्ता कई दिनों तक रोका जा चुका है। कांग्रेस की पार्षद के सामने ही मोहर्रम के जुलूस में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लग चुके हैं। अभी हाल ही में महाकालेश्वर जाने वाले मार्ग पर मांस की दुकानें हटाने पहुंची नगर निगम की टीम को कांग्रेस के मुस्लिम पार्षदों और अन्य जिम्मेदारों ने सार्वजनिक रूप से धमकाया है। मंदिर जाते श्रद्धालुओं पर हमले और उन्हें रास्ता नहीं देने की घटनाएं आए दिन हो रही है। कोई घटना होने पर प्रतिक्रिया होती है कारवाई भी होती है। थोड़े दिन बाद सभी भूल जाते हैं और फिर से गंगा जमुनी की बातें प्रारंभ हो जाती है। अब समय आ गया है कि इस प्रकार की सभी घटनाओं पर पूर्णतः विराम लगे। मुस्लिम समाज को आगे आना चाहिए और इन घटनाओं पर खेद व्यक्त करते हुए आइंदा इस प्रकार की घटनाएं नहीं हो इसके लिए दिखावटी नहीं ठोस और परिणामकारी पहल करना चाहिए..। इंदिरा नगर विकास समिति वार्ड 5 के अध्यक्ष मंगेश श्रीवास्तव ने कहा कि सवारी मार्ग का चौड़ीकरण हो और ऐसे तत्वों के मकानों को वहां से हटाया जाए क्योंकि सवारी तो उसी मार्ग से निकलेंगी ही और मंदिर जाने के मार्ग भी तय है। पास के एक कस्बे में कुछ वर्ष पूर्व तक इस प्रकार की घटनाएं होती रहती थी, हिंदू समाज ने कुछ स्थाई कदम उठाए उसके बाद घटनाएं होना बंद हो गई। अब समय आ गया है कि ना सिर्फ हिंदू समाज बल्कि मुस्लिम समाज भी जागे।