भगवान महाकाल ने भक्तों को तीन रूपों में दिये दर्शन ,मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान सपरिवार सवारी में सम्मिलित हुए।

उज्‍जैन । श्रावण के तीसरे सोमवार पर भगवान महाकालेश्‍वर पालकी में श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर रूप में, हाथी पर श्री मनमहेश के स्‍वरूप में व बैलगाड़ी में गरुड़ रथ पर श्री शिवतांडव स्वरुप में नगर भ्रमण पर निकले।

सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्‍याम शर्मा द्वारा संपन्‍न कराया गया। सर्व प्रथम भगवान श्री महाकालेश्‍वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। इसके पश्‍चात भगवान की आरती की गई।

श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सपरिवार श्री चन्द्रमोलेश्वर भगवान का पूजन किया।

पूजन के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री पारस जैन, श्री बहादुर सिंह चौहान, श्री महेश परमार, श्री मुरली मोरवाल, महापौर श्री मुकेश टटवाल, यूडीए अध्यक्ष श्री श्याम बंसल, संभागायुक्त श्री संदीप यादव, आईजी श्री संतोष कुमार सिंह, डीआईजी श्री अनिल कुशवाह, कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति श्री कुमार पुरुषोत्तम, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री रोशन सिंह, मंदिर प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री संदीप सोनी, महानिर्वाणी अखाड़े के महन्त श्री विनीत गिरि महाराज, प्रबंध समिति सदस्य पं.प्रदीप गुरू, श्री राजेन्द्र शर्मा, श्री राम शर्मा, श्री विवेक जोशी, श्री बहादुर सिंह बोरमुंडला, श्री जगदीश अग्रवाल, श्री ओम जैन, श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, श्री राजपाल सिंह सिसौदिया, श्री इकबाल सिंह गांधी आदि गणमान्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

गणमान्‍यों ने पालकी को कांधा देकर नगर भ्रमण की ओर रवाना किया| इस दौरान सहायक प्रशासक श्री मूलचंद जूनवाल, श्री प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के तिवारी आदि उपस्थित थें।

भगवान श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्‍तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान परिजनों के साथ सवारी के आगे चलते हुवे मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुचे। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्‍वर मंदिर के मुख्‍य द्वार पर पहुंची सशस्‍त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई।

सवारी मार्ग में स्‍थान-स्‍थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय महाकाल के घोष के साथ राजा श्री महाकाल पर पुष्‍प वर्षा की।

बाबा महाकाल की एक झलक के लिए असंख्‍यक श्रद्धालु हुए आतुर।

श्रावण के तीसरे सोमवार पर भगवान की सवारी के दौरान पूरी नगरी शिवमय हो गई। मध्यप्रदेश के मुखिया श्री शिवराज सिंह चौहान सपरिवार सम्मिलित होकर जनता का अभिवादन स्वीकार करते हुए कभी झांझ बजाते , कभी श्री महाकालेश्वर भगवान का ध्वज लिए पालकी के आगे चल रहे थे |

श्री महाकालेश्‍वर भगवान की सवारी में हजारों भक्‍त झांझ, मंजीरे, डमरू, ढोल आदि वाद्य बजाते हुए महाकाल की आराधना करते हुए पालकी के साथ चल रहे थे। उज्जैन के कलाकार श्री बी.के.पंड्या सवारी के आगे संपूर्ण मार्ग पर रंगोली बनाते हुए चल रहे थे।
साथ ही उज्‍जैन के बाहर से आये हुए भक्‍तगण भी बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए उत्‍सुक थे। श्री महाकालेश्‍वर की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची रामघाट पर श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर व श्री मनमहेश का मॉ क्षिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया। पूजन -अर्चन के बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से रामानुज कोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, श्री सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची। जहॉ परंपरानुसार सिंधिया स्‍टेट की ओर से गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा पालकी में विराजित श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर का पूजन किया गया। यहां हरि-हर के एक साथ दर्शन कर सभी भक्त स्वयं को भाग्यशाली समझ रहे थे।

इसके पश्‍चात सवारी गोपाल मंदिर से पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्‍वर मंदिर पहुंची।

चौथी सवारी 31 जुलाई को निकाली जायेगी, जिसमें रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव और नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश के स्वरूप में विराजित होंगे।