करनाल हरियाणा में 6 राज्यों के ब्राम्हण प्रतिनिधियों का ब्राह्मण महाअधिवेशन संपन्न।
उज्जैन । हजारों लाखों साल की न केवल महाभारत काल के 5000 वर्ष पूर्व बल्कि भगवान राम और उनके पूर्ववर्ती एवम् पश्चात वर्ती शासको ने भी ना केवल वैदिक काल बल्कि आदि अनादि काल से सत्ता के केंद्र में ब्राह्मणों को महत्वपूर्ण दायित्वों में रखकर उनसे सलाह मशवरा कर राज्य सत्ता का संचालन करते थे महाभारत काल के पश्चात भी सभी राजा महाराजाओं ने इसका पालन किया लोकतांत्रिक व्यवस्था में भी राज्य सत्ता संचालन व्यवस्था में ब्राह्मणों को महत्वपूर्ण भूमिका में रखा ! इसलिए ब्राह्मण अपने मन कर्म और वचन से ऐसा आचरण करें कि वह पुनः आज के दौर की इस लोकतांत्रिक परंपरा में राज्य सत्ता के केंद्र में पुनः स्थापित हो जाए उक्त उद्गार अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ने करनाल हरियाणा में ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पंडित जिले सिंह पिचोलिया के संयोजन में आयोजित राज्यव्यापी ब्राह्मण महाधिवेशन हरियाणा की प्रदेश कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहीं सम्मेलन के संयोजक हरियाणा ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जिले सिंह पिचोलिया ने सम्मेलन में सभी के समक्ष 7 सूत्रीय ब्राह्मण समाज का एजेंडा रखते हुए कहा की ज़ो राजनीतिक दल आगामी चुनाव में हमारे ब्राह्मण एजेंडे को अपने घोषणापत्र में शामिल करेगा ब्राह्मण समाज उस राजनीतिक दल का साथ चुनाव में देगा सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा ,उत्तराखंड, नई दिल्ली, चंडीगढ़ ,म.प्र. ,हिमाचल , एवं उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया सम्मेलन को हरियाणा के रिटायर्ड आईजी रवि कांत शर्मा, महावीर प्रसाद शर्मा पंचकूला, मांगेराम शर्मा चेयरमैन वर्ल्ड ब्राहमण फेडरेशन, केसी पांडे राष्ट्रीय अध्यक्ष वर्ल्ड ब्राहमण फेडरेशन , स्वामी संदीप ओंकार तथा संरक्षक ए.पी सांवरिया तथा ब्राह्मण महाकुंभ हरिद्वार के संयोजक पंडित विशाल शर्मा ने भी संबोधित किया कार्यक्रम का संचालन हरियाणा ब्राह्मण महासभा के उपाध्यक्ष पंडित राजेंद्र कौशिक ने किया सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर पर एवं सभी प्रांतों में राज्य स्तर पर ब्राह्मण कल्याण आयोग का गठन करने का प्रस्ताव तथा राष्ट्रीय स्तर पर ब्राह्मण संगठनों की समन्वय संघर्ष समिति को राष्ट्रीय स्वरूप में स्थापित करने तथा नवंबर 2023 में जंतर मंतर दिल्ली पर राष्ट्रीय स्तर के धरना आंदोलन को सफल बनाने आदि विषयों पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया उज्जैन से ब्राह्मण समाज के सचिव पंडित शैलेंद्र द्विवेदी सम्मेलन में शामिल हुए।