उज्जैन जिला अभियोजन अधिकारी श्री राजेन्द्र खाण्डेगर ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि फरियादी तनु ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके पिता अशोक चौहान पाटीदार हॉस्पिटल उज्जैन मे सिक्योरिटी की जॉब करते है। दिनांक 27.04.2020 को प्रतिदिन की भांति वह जॉब के लिए घर से निकले थे। उनका मोबाईल घर पर छूट जाने के कारण मैं उनका मोबाईल देने के लिए उनके पीछे-पीछे गई तो मैने देखा कि गली में मेरे को शेरू और गोविन्द मारपीट कर रहे है। शेरू और गोविन्द ने मृतक के सीने पर चाकू से लगभग चार चोटे पहुॅचाई थी। जिससे उसकी मौके पर मृत्यु हो गई थी। उक्त आशय की रिपोर्ट पर से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। विवेचना के दौरान पुलिस ने घटना स्थल के पास लगी हुई सी.सी.टी.व्ही फुटेज को साक्ष्य में संकलित किया था। विवेचना मे यह तथ्य आया कि मृतक की बहन राजकुमारी के घर आरोपी शेरू आता था, इसी बात का विरोध मृतक द्वारा किया गया था। राजकुमारी के द्वारा शेरू और गोविन्द के साथ आपराधिक षडयंत्र रचकर मृतक की हत्या की साजिश रची। उस साजिश के अनुकम में ही शेरू व गोविन्द द्वारा अशोक की हत्या की । पुलिस द्वारा आवश्यक अनुसंधान पश्चात आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को दण्डित किया गया। प्रकरण में अभियोजन के द्वारा मृतक के
आश्रित को पीडित प्रतिकर योजना के अंतर्गत प्रतिकर देने हेतु निवेदन किया गया। जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा मृतक के आश्रित को प्रतिकर देने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उज्जैन को निर्देशित किया है।
न्यायालय श्रीमान शशिकांत वर्मा, सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण 1. शेरू पिता राजू विश्वकर्मा 2. गोविन्द पिता लालू सिंह 3. श्रीमती राजकुमारी चौहान को भादसं की धारा 302,34 एवं 120 बी भादवि में आजीवन कारावास एवं 5,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण में अभियोजन का संचालन श्री नितेश कृष्णन सहायक जिला अभियोजन अधिकारी एवं श्रीमती संध्या सोलंकी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जिला उज्जैन द्वारा की गई।
कुलदीप सिंह भदौरिया अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी उज्जैन म.प्र.