उज्जैन। काल भैरव मंदिर में इन दोनों नारियल का ढेर लगा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि महाकाल मंदिर के दर्शन कर यदि काल भैरव मंदिर के दर्शन नहीं किए जाते हैं तो दर्शन अधूरे की रहते हैं। इस वजह से मंदिर में भीड़ उमड़ रही है। बताया जाता है कि नारियल अपने सिर पर से उतार कर मंदिर में छोड़ने से मनोकामना पूरी होती है और यही वजह है कि दर्शनाथी नारियल छोड़ कर जा रहे हैं।, काल भैरव मंदिर में इन दोनों दर्शनाथीयों का तांता लगा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि बाबा महाकाल के दर्शनों के बाद यदि काल भैरव मंदिर के दर्शन नहीं किए जाते हैं तो दर्शन अधूरे ही माने जाते हैं। इसी मान्यता के चलते इन दिनों काल भैरव मंदिर में दर्शनाथीयों का तांता लगा हुआ है। एक और मान्यता यह है कि मंदिर में दर्शनों के बाद अपने सिर पर से उतरा हुआ नारियल मान्यता के साथ यदि नारियल मंदिर में छोड़ दिया जाता है तो मन्नत पूरी होती है। इसी वजह से मंदिर में नारियल का ढेर हो रहा है। बताया जाता है कि बीच में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नारियल दिए गए थे लेकिन अब बंद कर दिए गए हैं। प्रतिदिन नारियल भारी मात्रा में आते हैं इसलिए नारियल का ढेर बढ़ता ही जा रहा है। यदि समय पर इन नारियलों का उपयोग नहीं किया गया तो यह नारियल सड़ सकते हैं। मंदिर परिसर में जहां देखो वहां नारियल ही नारियल नजर आते हैं। मंदिर में नारियल ज्यादा हो जाने के कारण मंदिर के पीछे बनी हुई धर्मशाला के बरामदे में इन नारियलों को इकट्ठा करके रख दिया गया है। भारी मात्रा में इकट्ठा हुए इन नारियलोंककी नीलामी कर देना चाहिए। इस संबंध में मंदिर प्रभारी से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि शीघ्र की नारियल का निपटारा किया जाएगा। इसके अलावा मंदिर प्रभारी से जब महाकाल मंदिर की तरह ही सेट बनाने पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि मंदिर को भव्य रूप शीघ्र ही दिया जाएगा। मंदिर परिसर में हो रही भिक्षा वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि मंदिर में भिक्षा प्रति करने वालों को शीघ्र ही हटाया जाएगा।