उज्जैन । शिव की महान रात्रि, महाशिवरात्रि का पर्व भारत के आध्यत्मिक उत्सवों की सूची में सबसे महत्वपूर्ण है | निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि ही महाशिवरात्रि कहलाती है। वह हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर आदि विकारों से मुक्त करके परम सुख शान्ति और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। जो इस वर्ष 08 मार्च 2024 शुक्रवार को है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि के पंचम दिवस संध्या पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर ने श्री होलकर स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिये।
इसके पूर्व प्रातः शासकीय पुजारी श्री घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राहम्णों द्वारा श्री कोटेश्वर भगवान के पूजन के पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया। पूजन पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर को श्वेत (सफेद)) रंग के वस्त्र व लाल रंग की पगड़ी भी धारण करवायी गयी । इसके अतिरिक्त मेखला, दुपट्टा, मुकुट, छत्र, नागकुण्डल, मुण्ड-माला आदि धारण करायी गयी। श्री महाकालेश्वर भगवान के श्री होलकर स्वरुप में भगवान ने माँ गंगा को भी धारण किया | भगवान श्री महाकालेश्वर जी के इस अलौकिक दर्शन का पुण्य लाभ श्रद्धालुओं को रात्रि होने वाली शयन आरती तक प्राप्त होता है |
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा कथारत्न हरि भक्त परायण पं. श्री रमेश कानडकर जी के शिव कथा व हरि कीर्तन का आयोजन सायं 04:30 से 06 बजे तक मन्दिर परिसर मे नवग्रह मन्दिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर चल रहा है। तबले पर संगत श्री असीम कानडकर ने की।
5 मार्च 2024 को शिव नवरात्रि के षटम दिवस भगवान श्री महाकालेश्वर जी श्री मनमहेश स्वरूप में दर्शन देंगे।