महिला इजीनियर से 14,20,000 रुपये की ठगी में बैंक खाताधारक को राज्य साइबर पुलिस, उज्जैन ने किया गिरफ्तार ।

 


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य साइबर सेल, श्री साई मनोहर द्वारा नविन एवं डिजीटल तकनीक का उपयोग कर आर्थिक साइबर अपराध के त्वरीत निराकरण के निर्देश दिये गये थे। इसी परीप्रेक्ष्य में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस, जोन- उज्जैन सव्यसाची सराफ ने बताया कि शिवांश सिटी, देवास रोड, उज्जैन निवासी परिवर्तित नाम ( फरजाना ) द्वारा राज्य साइबर सेल में जुलाई 2023 में शिकायत दर्ज करवायी की, कि उनके मोबाइल फोन पर एक अज्ञात व्यक्ति का काल आया व कालर द्वारा स्वंय को आई. आर. डी. ए.आई. का अधिकारी बताया व फरियादी को उसकी अलग अलग इश्योरेंस पॉलीसी के सबंध में चर्चा करते हुए बताया की आपकी पालीसी में आपको मेच्योर होने के पूर्व की पूर्ण भुगतान आपको कर दिया जायेगा। कॉलर द्वारा फरियादिया को बताया की आपको आपकी इश्योरेंस पालीसी में अपडेट करवाने के लिए आपकी अलग अलग पालीसी की राशि के हिसाब से टेक्स व अन्य शुल्क जमा करना होगा जब ही आपको पालीसी की राशि व अन्य प्राप्त होगे। अतः आप आपकी पालीसी में अपडेशन के लिए निर्धारित शुल्क जमा करे जो मेच्योरिटी अमाउंट के साथ ही रिफंड हो जायेगा। फरियादी द्वारा कालर की बातो में विश्वास कर अलग अलग मई एवं जून 2023 में 14,20,000 रुपये की राशि जमा की गई। जिसके बाद आवेदिका को इश्योरेंस की मेच्योर राशि बैंक खाते में प्राप्त नही हुई एंव ठग द्वारा और राशि जमा करवाने की मांग की गई तो आवेदिका को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ। इसी तारतम्य में उप पुलिस अधीक्षक श्रीमति लीना मारोठ के निर्देशन में अपराध क्रमांक 129/2023 धारा 419, 420 भादवि व 66 – डी आई. टी. एक्ट ( सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम) अंतर्गत पंजीवद्व किया जाकर विवेचना में लिया गया।
विवेचना दौरान आये डिजिटल तथ्य व अन्य तकनीकी जानकारी के आधार एक विशेष टीम निरीक्षक देवराज सिंह रावत, स.उ.नि. हरेन्द्रपाल सिंह राठौर व आरक्षक प्रदीप यादव को गुजरात रवाना किया गया। टीम द्वारा लगातार 3 दिन तक अथक प्रयास कर भरुच एवं अंकलेश्वर क्षेत्र के अलग स्थानो पर पतासाजी की गई अत्यधिक प्रयासो के उपरांत अंकलेश्वर निवासी अतुल पिता चीनू भाई शाह उम्र 65 वर्ष को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने पुछताछ पर बताया की उसके द्वारा दिल्ली के एक परिचित तरुण सचदेव को अपना बैंक खाता खुलवाकर दिया गया था व बैंक खाते मे मोबाइल नम्बर व मेल आई.डी. तरुण सचदेव के बताये अनुसार अपडेट करवा दी थी। ठगी की राशि का हिस्सा आरोपी अपने दुसरे बैंक खाते में प्राप्त करता था ।