आरक्षण को लेकर न्यायिक प्रक्रिया मैं स्थिरता कायम हुई ,सवर्ण समाज ।

उज्जैन- सुप्रीम कोर्ट में पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव को लेकर आज दिए गए फैसले का स्वागत करते हुए सवर्ण समाज ने कहा है कि चाहे नौकरी हो चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या राजनीति के अवसर का हो हर फैसले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आरक्षण की व्यवस्था को लेकर 50% की जो रेखा अपने निर्णय से खींची है इससे देश में आरक्षण व्यवस्था को लेकर स्थिरता कायम हुई है जो स्वागत योग्य है माननीय सर्वोच्च न्यायालय की इस आरक्षण व्यवस्था को कायम की गई स्थिर व्यवस्था को जो भी राजनीतिक दल अव्यवस्थित करने का प्रयास करेंगे सवर्ण समाज उसका पुरजोर विरोध करेगा अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी संरक्षक जिया लाल शर्मा, तरुण उपाध्याय, वैश्य समाज से कन्हैयालाल घटिया , राजपूत समाज क्षत्रिय महासभा, राष्ट्रीय मंत्री अंगद सिंह भदोरिया, नगर अध्यक्ष राजेंद्र चौहान , क्षत्रिय महासभा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हरदयाल सिंह ठाकुर, संभागीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह बेस सपाक्स अधिकारी कर्मचारी संगठन अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल डॉ निर्भय निर्दोष पाठक अनिल मंडलोई कायस्थ महासभा के संरक्षक मोतीलाल श्रीवास्तव अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव सिंधी समाज के अशोक कोटवानी आरक्षण विरोधी मोर्चा के संयोजक हरीश श्रीवास्तव करणी सेना के मनोहर सिंह राजपूत पूर्व सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर एन एस राठौड़ वरिष्ठ अभिभाषक सतीश चंद्र ओझा ने आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सभी दल सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का पालन करेंअनारक्षित समाज ने यह भी मांग की है कि सरकार द्वारा जिस वर्ग को जिस हिसाब से आरक्षण में शामिल कर लिया गया है वह दो नावों में पैर ना रखते हुए अपने ही वर्ग के आरक्षण तक सीमित रहे और शेष 50 प्रतिशत का जो कोटा है उसका लाभ उन लोगों को मिले जो अति योग्य हैं या अभी आरक्षण सूची से बाहर हैं।