मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्य द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र का निरिक्षण किया गया।

उज्जैन । मंगलवार को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष (पूर्व मुख्य न्यायाधिपति) श्री नरेन्द्र कुमार जैन, सदस्य श्री मनोहर ममतानी एवं श्री सरबजीत सिंह द्वारा मताना कला क्रमांक-2 आंगनवाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान आंगनवाडी कार्यकर्ता श्रीमती भारती नंदनकर द्वारा दर्ज बच्चों की संख्या एवं आज उपस्थित बच्चों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही बताया कि लाडली लक्ष्मी योजना के 51 प्रकरण एवं प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना के 35 प्रकरणों में पात्र बच्चों व गर्भवती माताओं को लाभान्वित कराया गया है। इस केंद्र में 5 गर्भवती व 5 धात्री माताएं दर्ज हैं, जिनमें से 03 महिलाएं उपस्थित थीं। केंद्र में कुल 86 बच्चे दर्ज हैं, जिनमें 0-6 माह के 5 बच्चे, 6 माह से 3 वर्ष के 47 बच्चे, 3 वर्ष से 6 वर्ष के 34 बच्चे, वजन किए जाने वाले 0 से 5 वर्ष के 69 बच्चे हैं। एक अति कुपोषित बालक है। आज 15 बालक उपस्थित पाए गए। आयोग अध्यक्ष द्वारा आंगनवाडी कार्यकर्ता से केंद्र के संचालन में आने वाली कठिनाईयों के बारे में जानकारी ली गयी। कार्यकर्ता ने बताया कि अधिकांशतः बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जाने से आंगनवाडी केन्द्र में उपस्थिति कम होती है। आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री जैन द्वारा दो बालकों हिमांशु एवं रहीम का अन्नप्राशन कराया गया। उदिता कार्नर में उपलब्ध सैनेटरी पेड में से आंगनवाडी केंद्र में दर्ज 30 प्रतिशत महिलाएं/बालिकाएं पेड का इस्तेमाल करती हैं। एडॉप्ट एन आंगनवाडी के तहत अपर कलेक्टर श्री टेगोरे इस केंद्र को गोद लिया गया है। केंद्र में भोजन सुभाषचन्द्र बोस स्वयं सहायता समूह से आता है एवं भोजन केंद्र के सामने ही बनता है। आज के भोजन मीनू के अनुसार बच्चों को खीर-पूरी वितरित की गई। भोजन की गुणवत्ता अच्छी पाई गई। आयोग पदाधिकारियों के निरीक्षण के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, उज्जैन श्री एस.ए. सिद्धिकी, परियोजना अधिकारी उज्जैन (ग्रामीण) श्री मनोज त्रिवेदी, सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती नेहा त्रिवेदी, संरक्षण अधिकारी श्रीमती अमृता सोनी, श्रीमती ज्योति पंड्या, श्रीमती आरेशा कुरैशी व श्रीमती सपना वर्मा भी उपस्थित थे। कार्यकर्ता ने बताया कि आंगनवाडी केन्द्र में सोमवार को नाश्ते में पौष्टिक खिचडी व भोजन में दाल, चांवल और सब्जी दी जाती है। मंगलवार को नाश्ते में पौष्टिक खीर व भोजन में चांवल, मूंगबडी और आलू टमाटर की सब्जी दी जाती है। बुधवार को नाश्ते में नमकीन दलिया व भोजन में दाल, चांवल और चने की सब्जी दी जाती है। गुरूवार को नाश्ते में उपमा व भोजन में वेज पुलाव और कढी पकौडा दिया जाता है। शुक्रवार को नाश्ते में हलवा व भोजन में चांवल और आलू टमाटर की सब्जी दी जाती है। शनिवार को नाश्ते में वेज खिचडी व भोजन में चांवल, हरी सब्जी और मिक्स दाल दी जाती है। हर माह के दूसरे शुक्रवार को टीकाकरण किया जाता है।

वन स्टाप सेंटर (सखी केन्द्र) का निरीक्षण

आयोग पदाधिकारियों ने जिला मुख्यालय उज्जैन में वन स्टाॅप सेन्टर (सखी केन्द्र) का निरीक्षण भी किया। केन्द्र में फिलहाल एक नाबालिग बालिका व एक महिला मौजूद है। आयोग पदाधिकारियों ने दोनों से आत्मीय चर्चा की। सेन्टर में आने वाली महिलाओं को कानूनी सहायता के बारे में पूछने पर सेन्टर की केस वर्कर श्रीमती रचना शर्मा ने बताया कि यहां सेवाएं देने के लिए पांच अधिवक्ताओं को सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने बताया कि इस सेन्टर (सखी केन्द्र) में किसी भी प्रकार की हिंसा से पीडित बालिकाओं व महिलाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क सहायता, विधिक सहायता, चिकित्सा सुविधा व सहायता, मनोवैज्ञानिक परामर्श (मेंटल सपोर्ट/क्लीनिकल काऊन्सलिंग) एवं आपातकालीन सहायता उपलब्ध कराई जाती हैं। यह सेन्टर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन कार्य करता है। आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री जैन ने कहा यह एक अच्छी योजना है, जिसमें हिंसा पीडित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की जरूरी जरूरी सुविधायें/आपात सहायता/उपचार/परामर्श उपलब्ध कराई जाती हैं। पीडित महिलाओं एवं बालिकाओं को हर जरूरी सहायता तत्परतापूर्वक मुहैया हो, विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें। केस वर्कर ने सेन्टर की सभी व्यवस्थाओं की जानकारी दी।