उज्जैन । उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास ने अभियोजन की घटना अनुसार बताया कि दिनांक 10.03.2021 के रात लगभग 8ः15 बजे फरियादीया की लड़की पीड़ित बालिका रोजाना की तरह घर के बाहर खेल रही थी। लगभग 9ः00 बजे वह उसकी लड़की को बाहर देखने आई तो वह उसे नहीं दिखी। फरियादीया ने अपनी सहेली जेठ व जेठ का लडके सभी को बताया और उन्होंने आस-पास तलाश की तथा पीड़ित बालिका के साथ खेलने वाले बच्चों से पूछा तो बाबू ने बताया कि पीड़ित बालिका उनके साथ खेल रही थी। पास मंे किराये से रहने वाले अंकल ने उसे और पीड़ित बालिका को पेप्सी दी और पीड़िता को अंकल अपने घर ले गए। फिर उन लोगों ने बच्चों के बताये अनुसार घर के सामने वाली पट्टी में किराये से रहने वाले संजय पिता बाबूलाल के घर पर देखा तो संजय घर के बाहर खडा हुआ था और उन्होंने पूछा कि उनकी गुडिया पीड़ित बालिका कहां है तो उसने बताया कि उसके घर पर नहीं है लेकिन उसने सामने रोड तरफ जाते हुए देखा था। फिर उन्होंने रोड तरफ आस-पास सभी जगह तलाश की लेकिन लडकी पीड़ित बालिका नहीं मिली। उन्हांेने बच्चों से फिर से पूछा तो बच्चों ने बताया कि अंकल पीड़ित बालिका को अपने घर के अंदर ही ले कर गये है। वे फिर से संजय के घर पर गये और दरवाजा खटखटाया तो उसने दरवाजा खोला तभी उसने देखा कि उसकी गुड़िया पीड़ित बालिका संजय के घर मे पलंग के नीचे बैठी थी और जोर-जोर से रो रही थी। उसने अपनी बच्ची को बाहर निकाला, इतने में संजय वहां से भाग गया। वह अपनी लडकी पीड़ित बालिका को गोदी में लेकर अपने घर आई और उसने अपनी बच्ची पीड़ित बालिका से पूरी घटना पूछी तो बच्ची ने बताया कि मम्मी वह घर के बाहर खेल रही थी तभी घर के सामने रहने वाले अंकल ने उसे और बाबू को पेप्सी दी और उसे अपने साथ और पेप्सी दिलाने का कह कर अपने घर के अंदर ले गए और घर के अंदर अपनी गोदी में बिठाकर उसे मोबाईल खेलने के लिए दे दिया था और । उसे अपनी मम्मी की बाहर से चिल्लाने की आवाज आ रही थी तो वह अंकल को बाहर जाने के लिए कह रही थी तो अंकल ने उसे डांटा और कहा कि चिल्लायेगी तो मार देगा और उसे पलंग के नीचे छिपा दिया था। फरियादीया ने अंकल का दरवाजा पीटा तो अंकल ने दरवाजा खोला। उसने उक्त घटना के संबंध में अपने जेठ, उसकी पडोसन रीना, संतोष मेहरा को बताई। फरियादीया का पति घर पर नहीं था तो उसे फोन कर पूरी घटना बताई थी, उसके पति ने उसे थाने पर रिपोर्ट करने के लिए कहा तो वह अपने जेठ व अपनी बच्ची को साथ लेकर थाने पर रिपोर्ट करने गई। उक्त आशय की रिपोर्ट पर से आरोपी के विरूद्ध अपराध अंतर्गत 363,366,354,342,5(एम)सहपठित धारा 6,धारा 7 सहपठित धारा 8 पॉक्सो के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर प्रकरण विवेचना में लिया गया तथा संपूर्ण विवेचना के पश्चात न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र पेश किया गया।
न्यायालय ने अभियोजन के तर्को से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।
प्रकरण में उप-संचालक (अभियोजन) डॉ0 साकेत व्यास द्वारा पैरवीकर्ता को मार्गदर्शन दिया गया प्रकरण में पैरवी श्री सूरज सिंह बछेरिया, विशेष लोक अभियोजक, जिला उज्जैन द्वारा की गई।
न्यायालय श्रीमती कीर्ति कश्यप, षश्ठम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय जिला-उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी राजेश उर्फ संजय पिता बाबूलाल, आयु -39 वर्ष निवासी 1/1, वीर सावरकर प्याउ, भेरूगढ रोड, जिला-उज्जैन को धारा 363,366,354,342,5(एम)सहपठित धारा 6,धारा 7 सहपठित धारा 8 पॉक्सो के अंतर्गत 20 वर्ष का कठोर कारावास व कुल 3500 रूपये अर्थदंड से दंडित किया गया।