रीवा।आवेदन और अपील विषय पर 85 वें राष्ट्रीय आरटीआई वेबिनार का हुआ आयोजन। उप्र राज्य सूचना आयुक्त अजय उप्रेती, मप्र राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह और पूर्व सूचना आयुक्त आत्मदीप ने रखे अपने विचार।
सूचना के अधिकार कानून को जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक रविवार आयोजित किए जाने वाले राष्ट्रीय आरटीआई वेबीनार का 85वां एपिसोड संपन्न हुआ। रविवार दिनांक 6 फरवरी 2022 को आयोजित कार्यक्रम में आरटीआई आवेदन और अपील कैसे करें विषय पर विस्तार से चर्चा की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह द्वारा की गई जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उपरेती, मध्य प्रदेश के पूर्व राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप एवं माहिती अधिकार मंच मुंबई के संयोजक भास्कर प्रभु सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, कानपुर, आगरा आदि मंडल से जुड़े कई आरटीआई आवेदकों ने अपनी जिज्ञासाएं रखी जिसका समाधान उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने किया। श्री उप्रेती ने बताया की आवेदन करते समय ज्यादा वृहद और विस्तृत जानकारी नहीं मांगना चाहिए और साथ में प्रश्न सूचक शब्दों का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जानकारियां स्पष्ट होनी चाहिए जिससे लोक सूचना अधिकारी आसानी से उपलब्ध करवा सकें और बहाने ना बना पायें. कार्यक्रम में मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बताया कि यदि लोक सूचना अधिकारियों द्वारा प्रथम अपीलीय अधिकारी का नाम पद और पता नहीं बताया जाता तो आवेदकों को अपील सीधे लोक सूचना अधिकारी के नाम पर करनी चाहिए और नोट लगाना चाहिए कि वह प्रथम अपील आवेदन संबंधित प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने बताया कि धारा 7(8)(2), 7(8)(3) के तहत यह लोक सूचना अधिकारी का दायित्व है कि वह प्रथम अपीलीय अधिकारी का नाम पद और पता बताएं। पूर्व मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने भी कई आवेदकों के प्रश्नों के जवाब दिए और बताया की आवेदन और अपील करते समय महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। सीधी से राजेश यादव ने पुलिस से संबंधित दस्तावेज और एफ आई आर की जानकारी के विषय में जानकारी चाहिए तो राहुल सिंह ने बताया कि यदि मामले की चार्जशीट अदालत में दाखिल हो चुकी है तो समस्त जानकारी अदालत से प्राप्त की जा सकती है। लेकिन यदि चार्जशीट दायर नहीं हुई है तो विवेचना प्रभावित होने के कारण विवेचना प्रभावित होने के चलते कुछ जानकारियां पुलिस द्वारा नहीं उपलब्ध करवाई जाती. कॉल रिकॉर्ड की जानकारी चाहे जाने के विषय में प्रश्न आने पर उन्होंने बताया कि प्राइवेट कंपनियां कॉल रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करवाती है जिसकी शिकायत ट्राई के समक्ष की जानी चाहिए. इस प्रकार देश के विभिन्न कोनों से कई सारे आवेदकों ने अपने-अपने प्रश्न पूछे जिसमें मुख्य रुप से ताराचंद्र जांगिड़, देवेंद्र अग्रवाल, सुरेंद्र जैन, राजवीर सिंह होरा, सत्य प्रकाश, मनजीत चौधरी, शंकर लाल गोयल, रविंद्र कुमार, डॉक्टर तारा चंद्र चंद्रकार, अटल मिश्रा, सत्य प्रकाश, राजेश यादव, कपिल, वीरेंद्र कुमार ठक्कर, नीलेश जैन, अनुराग, सुरेश मौर्य, राम सिंह, नवीन, नंदकिशोर, संपत सिंह, अमोल पाटील, प्रकाश बामनकर, ताराचंद, प्रहलाद, शशि भूषण, जितेंद्र तिवारी, गोविंद तिवारी, सुनील खंडेलवाल, मेघराज सिंह, शैलेंद्र प्रताप सिंह, प्रदीप कुमार, अखिल कुमार, डॉ राजेंद्र सिंह तोमर, हेमल बख्शी, महेंद्र कुमार, संजय दुबे, आजाद सिंह, सुजीत पाल, मिलन दास, मेहुल साहू, कपिल सोनी, मुख्तार अहमद, डॉ देवेंद्र बोडे, सुरेश, अनिल भीमटे, भास्कर कुंडू, सौरभ सोलंकी, बाबू भाई, गोपाल मालवीय, रवि रखेचा आदि रहे.
कार्यक्रम का संयोजन आरटीआई एक्टिविस्ट एवं सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के द्वारा किया गया जबकि सहयोगियों में अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार मृगेंद्र सिंह सम्मिलित रहे।
शिवानंद द्विवेदी सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता जिला रीवा मध्य प्रदेश मोबाइल नंबर 9589 1525 87