उज्जैन। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने गुरूवार को बृहस्पति भवन के सभाकक्ष में भैरवगढ़ के बटिक शिल्पियों के साथ बैठक की। उल्लेखनीय है कि शासन की एक जिला एक उत्पाद योजना के अंतर्गत उज्जैन जिले के लिए बटिक प्रिंट उत्पाद को चुना गया है। बैठक में जानकारी दी गई कि एक जिला एक उत्पाद योजना केन्द्र और राज्य सरकार की एक अत्यंत महत्वकांक्षी योजना है। इसके अंतर्गत यह मंशा है कि उत्पाद से जुड़े स्थानीय लोगों को रोजगार मिले, स्थानीय लोग स्वयं का एक उद्योग बनाएं, उनकी तरक्की हो तथा उनके बनाए गये उत्पादों को देश-विदेश में अधिक से अधिक लोकप्रिय किया जाये और उत्पादों की बिक्री बढ़े।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बैठक में कहा कि बटिक प्रिंट से जुड़े शिल्पी स्वयं का एक संगठन बनाये, जीएमडीआइसी द्वारा ट्रेनिंग के लिए इन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाये। बटिक कलाकारों ने कहा कि वे बटिक प्रिंट के लिए प्राकृतिक डाई का उपयोग करना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें जगह उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में बटिक प्रिंट पर 40 से 50 शिल्पियों की यूनिट काम कर रही है। कलेक्टर ने इस पर भैरवगढ़ क्षैत्र के आसपास जगह चिन्हित कर बटिक शिल्पियों को उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
कलेक्टर ने कहा कि बटिक उत्पाद की बिक्री और मांग बढ़ाने के लिए हमें हैण्डीक्रॉफ्ट क्लस्टर बनाना होगा। बटिक शिल्पियों का डाटा अपडेट किया जाये। बटिक शिल्पियों के उत्पाद की अधिक बिक्री देश के किस हिस्से में होती है इसकी योजना बनाई जाये। कलेक्टर ने कहा कि अगले एक सप्ताह के अंदर वे भैरवगढ़ में बटिक कारीगरों के साथ एक बैठक करेंगे जिसमें उनके सुझाव लिये जायेंगे और उनकी समस्याओं के बारे में चर्चा की जायेगी। कलेक्टर ने बटिक शिल्पियों का बेसलाईन डाटा तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बटिक प्रिंट उत्पाद अब केवल एक क्षेत्र का नही बल्कि पूरे उज्जैन जिले के लिए होगा। हमें बटिक प्रिंट की पहुंच को बढ़ाने पर फोकस करना है। बटिक प्रिंट के उत्पादन से लेकर इसके निर्यात पर कार्य योजना बनाई जाने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत सुश्री अंकिता धाकरे, जीएमडीआईसी, हस्तशिल्प कला विभाग के अधिकारी और बटिक प्रिंट के कारीगर मौजूद थे।