उज्जैन।
आगर रोड़ स्थित इंदिरा नगर भारतीय जनता पार्टी विक्रमादित्य मंडल के वार्ड 5 स्थित इंदिरा नगर बूथ 52 के 90 क़्वाटर
स्थित इंदिरा नगर में भाजपा के बूथ 52 के अध्यक्ष मंगेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म उत्सव मनाया गया। साथ ही बुथ 52 में सफाई कर्मचारियों का स्वागत एवं सम्मान किया। साथ ही बूथ 52 भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष मंगेश श्रीवास्तव द्वारा कचरा गाड़ी घर-घर कचरा लेने आने वाले सफाई कर्मचारी वार्ड 5 के विजय बागड़ी, पवन निलुदे, महेश लोट आदि सफाई कर्मचारियों का स्वागत कर उनको तिलक एवं श्रीफलव फूलों की माला पहनाकर स्वागत एवं सम्मान किया और पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी जी की तस्वीर पर माला पहनाकर एवं पत्रक का वाचन किया। इस अवसर पर प्रियांश श्रीवास्तव, शिव श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर अपने विचार भारतीय जनता पार्टी के बूथ अध्यक्ष 52 के अध्यक्ष मंगेश श्रीवास्तव ने रखते हुए कहा कि पण्डित अटल बिहारी वाजपेयी जी विश्व पटल पर राजनैतिक मुल्यों और आदशों को स्थापित करने वाल राजनेता रहे है। राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक से लेकर प्रधानमंत्री तक की यात्रा तय करने वाले श्री वाजपेयी जी का जीवन सादगी, सौम्यता एवं शालीनता पूर्ण रहा है। कवि हृदय राजनेता के रूप में पहचाने जाने वाले अटल जी को राष्ट्रपुरूष, अजात शत्रु भीष्म पितामाह, राष्ट्र प्रहरी, स्टेट्समेन, युगपुरूष, ओजस्वी वक्ता आदि नामों से पुकारा जाता रहा है। पं. अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में हुआ। उन्होनें स्नातक की उपाधि प्राप्त कर राजनीति शास्त्र में एम.ए. किया। प्रारंभिक जीवन में राजनीति के साथ-साथ वे राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ में सक्रिय हुए स्वयं सेवक के रूप में इन्होने राष्ट्रधर्म एवं पांचजन्य पत्रिका का सम्पादन किया। इसी तरह वे वीर चेतना, दैनिक स्वदेश एवं वीर अर्जुन समाचार पत्र के सम्पादक भी रहे। राष्ट्रवादी नेता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पं. दीनदयाल जी उपाध्याय ने इनकी लेखन क्षमता और भाषण कला को पहचाना। सन् 1953 में अटल जी को जनसंघ के प्रथम राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का निजी सचिव एवं जनसंघ का राष्ट्रिय सचिव बनाया गया। 1955 में अटलजी ने पहला लोकसभा चुनाव लड़ा। यह उपचुनाव था और वे पराजित हुए थे। सन् 1957 में वे बलरामपुर सीट से जनसंघ के प्रत्याक्षी के रूप में विजय होकर संसद पहुचें । संसद में अटलजी के ओजस्वी भाषण सुन कर प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें भविष्य का प्रधानमंत्री कहा और आगे चल कर यह बात सही साबित हुई। सन् 1957 से लेकर सन् 1977 तक लगातार वे जनसंघ की ओर से संसदीय दल के नेता रहे। सन् 1968 में उन्हें जनसंघ का राष्ट्रिय अध्यक्ष बनाया गया। सन् 1975 में उन्होनें इंदिरा गांधी के आपातकाल का प्रखर विरोध किया एवं जेल गये। आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार में वे विदेश मंत्री बनाए गये। विदेश मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिवेशन में हिन्दी में अपना भाषण देने वाले वे पहले वक्ता बने।