राजनीतिक विज्ञान के प्राध्यापकों की अहम भूमिका।
उज्जैन। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आज भी अच्छे नेतृत्वकर्ता की संख्या काफी सीमित मात्रा में है। इसके लिए राजनीतिक विज्ञान विषय पढ़ाने वाले प्राध्यापक, महाविद्यालय एवं अध्ययनशालाऍ महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते है जिससे मतदाता मतदान के प्रति जागरूक होकर एवं आपसी वैचारिक विमर्श के आधार पर श्रेष्ठ नेतृत्व के चयन में अहम रोल अदा कर सकता है।
उज्जैन। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आज भी अच्छे नेतृत्वकर्ता की संख्या काफी सीमित मात्रा में है। इसके लिए राजनीतिक विज्ञान विषय पढ़ाने वाले प्राध्यापक, महाविद्यालय एवं अध्ययनशालाऍ महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते है जिससे मतदाता मतदान के प्रति जागरूक होकर एवं आपसी वैचारिक विमर्श के आधार पर श्रेष्ठ नेतृत्व के चयन में अहम रोल अदा कर सकता है।
उक्त विचार राजनीतिक विज्ञान के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. जय श्रीवास्तव ने राजनीतिक विज्ञान विभाग, शा. कालिदास कन्या महाविद्यालय, उज्जैन में उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के अंतर्गत आयोजित व्याख्यानमाला के अंतर्गत व्यक्त किये। अध्यक्षता करते हुए डॉ सुधा श्रीवास्तव ने कहा कि राजनीतिक विज्ञान विषय के मर्मज्ञ विद्वानों का समर्पण देश को अच्छा नेतृत्व दे सकता है।
स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डॉ. किरण राठौड़ ने दिया। इस अवसर पर डॉ रेणू शर्मा, जिया वर्मा, ट्विंकल वर्मा सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सविता भारल ने किया।