9 मई विश्व थैलेसीमिया दिवस।

उज्जैन । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.संजय शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष 9 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है। थैलेसीमिया बच्चों को उनके माता-पिता से मिलने वाला आनुवांशिक रक्त रोग है। इस रोग की पहचान बच्चों में तीन माह में ही हो पाती है। विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाने का लक्ष्य लोगों को रक्त संबंधी इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। यह एक ऐसा रोग है जो बच्चों में जन्म से ही मौजूद रहता है। तीन माह की उम्र के बाद ही इसकी पहचान होती है। थैलेसीमिया बीमारी मे खून की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण उसे बार-बार खून की जरूरत होती है।

थैलेसीमिया के लक्षण

बार-बार बीमार होना। सर्दी जुकाम बने रहना, कमजोरी और उदासी रहना, आयु के अनुसार शारीरिक विकास न होना, शरीर मे पीला पन बने रहना और दांत बाहर की और निकल आना, सांस लेने मे तकलीफ होना, कई तरह के संक्रमण होना ऐसे कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते है।

थैलेसीमिया से कैसे करें बचाव

विवाह के पहले महिला व पुरूष की रक्त की जांच कराये। गर्भावस्था के दौरान इनकी जांच करवायें। मरीज का हिमोग्लोबीन 11 से 12 बनाये रखने की कोशिश करें। समय पर दवाईया लें एवं पूर्ण उपचार ले।