इश्योरेंस पॉलीसी क्लेम सेटलमेंट करने के  नाम पर 4.33.354 ठगी करने वालो को अपना बैंक खाता किराये से देने वाले को उज्जैन साइबर पुलिस ने दिल्ली से किया गिरफ्तार।

उज्जैन।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य साइबर सेल, श्री योगेश देशमुख द्वारा नविन एवं डिजीटल तकनीक का उपयोग कर आर्थिक साइबर अपराध के त्वरीत निराकरण के निर्देश दिये गये थे। इसी परीप्रेक्ष्य में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस, जोन- उज्जैन जितेन्द्र सिंह ने बताया कि कुमारिया कुआं, रतलाम निवासी अनवर हुसैन आबेदीन द्वारा राज्य साइबर सेल में अक्टूबर 2021 में शिकायत दर्ज करवायी की, कि उनके मोबाइल फोन पर एक अज्ञात व्यक्ति का काल आया व कालर द्वारा स्वंय को आई. आर.डी.ए.आई. का अधिकारी बताया व फरियादी को उसकी अलग अलग इश्योरेंस पॉलीसी के संबंध में चर्चा करते हुए बताया की आपकी पालीसी में आपके एजेंट की आई.डी. डली हुई है जिससे आपकी पालीसी से होने वाले समस्त लाभ आपको प्राप्त नही होकर आपके एजेंट को प्राप्त हो रहे है । कालर द्वारा फरियादी को बताया की आपको आपकी इश्योरेंस पालीसी में अपडेट करवाने के लिए आपकी अलग अलग पालीसी की राशि के हिसाब से टेक्स व अन्य शुल्क जमा करना होगा जब ही आपको पालीसी की राशि व अन्य प्राप्त होगे। प्रोफाइल में अपडेट का कार्य केवल आई.आर.डी.ए.आई. (IRDAI- Insurance Regulatory & Development Authority of India) ही किया जा सकता है, अतः आप आपकी पालीसी में अपडेशन के लिए निर्धारित शुल्क जमा करे जो की प्रोफाइल अपडेट होने पर पूर्ण रिफंड हो जायेगा । फरियादी द्वारा कालर की बातों में विश्वास कर अलग अलग दिनांक को 26, 220 ,75000 1,57,334 व 1,74,800 की राशि जमा की गई। जिसके बाद राशि बैंक खाते में प्राप्त नही होने पर फरियादी द्वारा इश्योरेंस प्रोवाइडर की रतलाम आफिस जाकर पता किया तो वहा से ज्ञात हुआ की आपके साथ ठगी हुई है। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जॉच उप निरीक्षक अमित परिहार को सौंपी गई जिसकी जॉच पर अपराध क्रंमाक 21/ 2022 धारा 419, 420 भादवि व 66 – डी आई. टी. एक्ट (सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम) अंतर्गत पंजीवद्व किया जाकर विवेचना में लिया गया।
विवेचना दौरान आये डिजिटल तथ्य व अन्य तकनीकी जानकारी के आधार एक विशेष टीम उप निरी. अमित परिहार, सहायक उप निरी. हरेन्द्रपाल सिंह राठौर व प्र. आर. कमलाकर उपाध्याय को दिल्ली एन.सी. आर. रवाना किया गया। टीम द्वारा लगातार 5 दिन तक अथक प्रयास कर गाजीयाबाद व नोएडा (उत्तरप्रदेश)
गुडगाव (हरियाणा) व दिल्ली एन. सी. आर. क्षेत्र के अलग स्थानो पर पतासाजी की गई अत्यधिक प्रयासो के उपरांत दिल्ली के नरेला क्षेत्र निवासी हेमराज शर्मा पिता रमेशचन्द्र शर्मा उम्र- 32 वर्ष निवासी ग्राम टिकरी खुर्द, नरेला, दिल्ली को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने पुछताछ पर बताया की मैने व मेरे साथी गौतम कुशवाह द्वारा इंश्योरेंस आफिस व लोन के काल सेंटर के माध्यम से लोगो को ठगकर बैंक खातो में रुपया प्राप्त किया व रुपया आने पर अपना अपना हिस्सा बांट लेंगे। इसके बाद उसके बैंक खाते में मोटी राशि प्राप्त होने पर चेक से व छोटी राशि प्राप्त होने पर एटीएम से रुपये का आहरण कर अपना हिस्सा प्राप्त करता । बैंक खाता फ्रिज होने पर दुसरे बैंक खाते का उपयोग किया जाता। आरोपी हेमराज ने बताया की उसके साथी लोग कुछ माह तक एक कमरा लेकर काल करते है फिर स्थान परिवर्तन कर लेते है । हेमराज ने बताया की उसका बैंक खाता पुराने घर के पते के दस्तावेजो पर खुलवाया गया था जिसमे वह 08 वर्ष पूर्व रहता था। आरोपी द्वारा अन्य लोगो के साथ की गई ठगी के संबंध में अन्य जानकारी जुटाई जा रही है व अन्य बैंक खातो की जानकारी जुटाई जा रही है व अन्य साथियो की तलाश की जा रही है ।
राज्य साइबर पुलिस, उज्जैन के दल जिसमें निरीक्षक रीमा यादव कुरील, उप निरीक्षक अमित परिहार, सहायक उप निरीक्षक हरेन्द्रपाल सिंह राठौर, प्रधान आरक्षक कमलाकर उपाध्याय, उप निरीक्षक हिमाशुं सिंह चौहान, व आरक्षक कमल वरकडे, तृप्ति लोधी, रजनी निंगवाल, वर्षा चौहान की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

कैसे बनाते थे लोगो को अपना शिकार ।
इश्योरेंस पालीसी में किसी अन्य की आई.डी. अपलोड होने से क्लेम नही मिलने का झांसा देकर इश्योरेस पॉलिसी में फरियादी की आई.डी. अपडेट करने के नाम पर अलग अलग शुल्क के नाम पर कर करवाते थे 4,33,354 रुपये जमा आरोपी के बैंक खाते में हुऐ है। कुल 40 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन आरोपी के बैंक खाते में हुआ है ।अपने पुराने पते के आधार कार्ड के पते पर खुलवाते है ।स्वयं को ट्रेवल एजेंट बताकर करंट अकाउंट खुलवाया था ताकि प्रतिदिन ट्राजेक्शन कर सके। आरोपी इश्योरेंस पॉलीसी, लोन व अन्य इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह को 2.5 प्रतिशत पर देता था अपना खाता ।ठग गिरोह दिल्ली एनसीआर के अलग अलग क्षेत्र से कालींग कर लोगो के देते है झासां।

क्या क्या रखे सावधानी।
कभी किसी भी अनजान कालर पर विश्वास नही करे । इश्योरेंस पालीसी अथवा लोन के लिए नजदीकी शाखा में जाकर संपर्क करे । किसी अज्ञात कालर की बात पर किसी भी बैंक खाते में रुपया जमा नही करे । रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, क्विक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल नही करे । फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशो का पालन कतई नही करे । क्यु आर कोड स्केन करने पर बैंक खाते से रुपये निकलते है। अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मिडिया पर शेयर नही करे ।