उज्जैन । मप्र राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचरण संहिता निर्वाचन की घोषणा से लागू की है। इसके अनुसार त्रिस्तरीय पंचायतों के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये आचार संहिता लागू रहेगी। पंचायत कर्मचारियों को चुनाव के दौरान अपना कार्य पूर्ण निष्पक्षता से करना चाहिये और ऐसा कोई आचरण एवं व्यवहार नहीं करना चाहिये, जिससे यह आभास हो कि वे किसी दल या अभ्यर्थी की मदद कर रहे हैं।
निर्वाचन की घोषणा से निर्वाचन समाप्त होने तक पंचायत के अधीन कोई नियुक्ति या स्थानान्तरण नहीं किया जाना चाहिये। पंचायत क्षेत्र में किसी भी नये भवन का निर्माण, मौजूदा भवन में संवर्धन या परिवर्तन की अनुज्ञा नहीं दी जानी चाहिये। पंचायत क्षेत्र में किसी प्रकार के व्यवसाय या वृत्ति के लिये नवीन अनुज्ञप्ति नहीं दी जानी चाहिये। केवल पूर्व में प्रदत्त अनुज्ञप्तियों का नवीनीकरण पूर्व की तरह किया जा सकता है। पंचायत क्षेत्र में किसी नई योजना या कार्य के लिये स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिये। वर्तमान सुविधाओं के विस्तार या उन्नयन का कोई कार्य स्वीकृत या प्रारम्भ नहीं किया जाना चाहिये। पहले से स्वीकृत किसी योजना का कार्य जिसमें निर्वाचन की घोषणा होने तक कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ हो, प्रारम्भ नहीं किया जाना चाहिये। किसी योजना अथवा जनुपयोगी सुविधा का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं किया जाना चाहिये। किसी संगठन या संस्था को किसी कार्यक्रम के आयोजन के लिये कोई सहायता या अनुदान स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिये।
पंचायत के खर्च पर ऐसा कोई विज्ञापन व प्रचार सामग्री पेम्पलेट जारी नहीं किया जाना चाहिये, जिसमें पंचायत की उपलब्धियों को प्रचारित या रेखांकित किया गया हो या जिससे किसी अभ्यर्थी के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने में सहायता मिलती हो। पंचायतों के माध्यम से क्रियान्वित किये जाने वाले परिवार, समूह या व्यक्तिमूलक आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के अन्तर्गत नये हितग्राहियों का चयन नहीं किया जाना चाहिये। आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने की दशा में ग्राम पंचायतों में प्रगतिरत कार्य यथावत जारी रहेंगे। ऐसे कार्यों से सम्बन्धित भुगतान के लिये ग्राम पंचायतों के खातों का संचालन ग्राम पंचायत सचिव एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा नामांकित अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से किये जायेंगे।
आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने की अवधि में ग्राम पंचायतों द्वारा कोई भी नवीन हितग्राहीमूलक कार्य स्वीकृत अथवा प्रारम्भ नहीं किये जा सकेंगे। किसी प्राकृतिक प्रकोप या दुर्घटना को छोड़कर जिसमें कि प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाना आवश्यक हो, निर्वाचन की घोषणा से लेकर निर्वाचन समाप्त होने तक की अवधि के दौरान पंचायत के किसी पदधारी के क्षेत्रीय भ्रमण को चुनावी दौरा माना जाना चाहिये और ऐसे दौरे में पंचायत के किसी कर्मचारी को उनके साथ न तो रहना चाहिये और न ही शासन अथवा पंचायत के वाहन या अन्य सुविधा का उपयोग किया जाना चाहिये।