उज्जैन । मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्री आर.के.वाणी के निर्देशानुसार तथा सचिव श्री अरविंद कुमार जैन के कुशल नेतृत्व में शासकीय नवीन कन्या उ.मा.वि. क्षीरसागर कानीपुरा उज्जैन में बाल संवर्धन एवं संरक्षण सप्ताह अंतर्गत निःशुल्क विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चंद्रेश मण्डलोई द्वारा उपस्थित छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया गया कि ‘‘भारतीय संविधान प्रत्येक व्यक्ति के शरीर, संपत्ति एवं अपने अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी देता है’’। उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा बिना विधिवत ड्रायविंग लायसेंस के वाहन चलाया जाना कानूनन अपराध है। साथ ही यदि नाबालिक उम्र में किसी बालक या बालिका की शादी ज़बरदस्ती करा दी जाती है तो 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के पश्चात उसे अपने विवाह को शून्य घोषित करने का अधिकार संविधान द्वारा प्रदत्त है। छात्राओं को उन्होंने निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह योजना, मप्र अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बालिकाओं के अधिकार, शिक्षा का अधिकार, भारतीय संविधान के मूल अधिकार एवं कर्तव्य, नालसा हेल्पलाईन नंबर 15100 एवं राष्ट्रीय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की।
पैरालीगल वॉलेंटियर सुश्री रचना शर्मा द्वारा उपस्थित बच्चों को चाईल्ड हेल्पलाईन नंबर 1098, गुड टच बैड टच की जानकारी प्रदान की गयी।
इसी प्रकार पैरालीगल वॉलेंटियर श्री रमेशचंद्र खत्री द्वारा उपस्थित बच्चों को चाईल्ड ट्रैफिकिंग, जेजेबी एक्ट, बाल विवाह एवं अन्य कानूनी जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती सपना गोथवाल, अन्य शिक्षिकाएं श्रीमती ज्योति तिवारी, श्रीमती ज्योति धींग, श्रीमती कृष्णा धाणक, श्रीमती अलका मिश्रा, श्रीमती सरिता सोलंकी, श्रीमती किरण चौहान, श्रीमती पूजा सक्सेना एवं लगभग 73 बालिकाएं उपस्थित रही। कार्यक्रम के अंत में जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा बालिकाओं को पर्यावरण का महत्व समझाते हुए बारिश के मौसम में वृक्षारोपण करने हेतु पौधे वितरित किये गये।
उक्त कार्यक्रम के अतिरिक्त में पैरालीगल वॉलेंटियर श्रीमती प्रीति धाणक द्वारा गांधीनगर नानाखेड़ा, उज्जैन में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया जाकर प्रत्येक बच्चों के लिए विधिक सेवा सहित सभी विकल्प उपलब्ध कराने, उनके व्यक्तित्व का समग्र विकास, उनकी शारीरिक, मानसिक, नैतिक व आध्यात्मिक क्षमता के विकास हेतु नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवायें एवं उनके संरक्षण के लिये विधिक सेवायें) योजना 2015 के संबंध में जानकारी दी ।