ना तो मध्य प्रदेश कर्नाटक है और ना शिवराजसिंह मामा बसवराज बोम्मई- मंगेश श्रीवास्तव

उज्जैन। कर्नाटक चुनाव परिणामों ने आम कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को स्वाभाविक रूप से उत्साहित कर दिया है। गली मुहल्ले के कांग्रेसी कार्यकर्ता कल शाम को जोश में आकर जश्न मनाते दिखे। मौका पाकर कांग्रेसी दावेदारों ने भी मध्य प्रदेश को कर्नाटक बना देने की बात कही। आमतौर पर सभी दूर यह नारा लगाया गया कि ये तो कर्नाटक की झांकी है, मध्यप्रदेश अभी बाकी है। कांग्रेसी इस जीत से उत्साहित है लेकिन यह उत्साह कहीं मुगालते में ना बदल जाए क्योंकि मध्य प्रदेश ना तो कर्नाटक है और ना ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर्नाटक में सत्ता खो चुके मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई।
<span;>उक्त बात भाजपा संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ के नगर जिला मीडिया प्रभारी मंगेश श्रीवास्तव ने कही। मंगेश श्रीवास्तव ने कहा कि कर्नाटक के विपरीत मध्यप्रदेश में भाजपा के पास मुख्यमंत्री शिवराज भी में मजबूत साख है। इसके अलावा कर्नाटक की तुलना में मध्यप्रदेश का भाजपा संगठन कही 1985 के पहले कभी गैर कांग्रेसी सरकार नहीं बनी।
शिवराजसिंह चौहान जैसा जबरदस्त नेतृत्व है जिनकी आम जनता थी प्रदेश को 35 दलित सीटों में से 17 में भाजपा ने जीत हासिल की थी। मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने “क्षेत्रीय अस्मिता और कबड़ उपराष्ट्रवाद का भी सहारा लिया। इसके लिए नदिनी दूध बनाम अमूल ब्रांड को मुद्दा बनाया गया। यही नहीं सोनिया गांधी ने सोची-समझी रणनीति के तहत अपने भाषण में कर्नाटक के लिए संप्रभुता शब्द का उपयोग किया, जबकि संप्रभुता राष्ट्र अधिक मजबूत और गहराई लिए हुए है। कर्नाटक में के होती है, राज्य को नहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पास इस तरह का कोई भावनात्मक मुद्दा नहीं है। इसलिए माध्य 1983 में पहली बार रामकृष्ण हेगड़े और एस बंगारण्णा ने प्रदेश की राजनीतिक, भौगोलिक और सामाजिक स्थिति की मिलकर गैर कांग्रेसी सरकार बनाई थी। जबकि मध्यप्रदेश तुलना कर्नाटक से नहीं की जा सकती। मध्यप्रदेश में में 1967 से गैर कांग्रेसी सरकारों का इतिहास है। 1977 ओबीसी वर्ग पूरी तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में जहां मध्यप्रदेश में कविस का सफाया हो गया था वहाँ के पीछे खड़ा है क्योंकि वे खुद ओबीसी वर्ग से आते हैं। कर्नाटक में देवराज अर्स के नेतृत्व में कांग्रेस ने लगभग 3 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता की तुलना चौथाई बहुमत से सरकार बनाई थी कर्नाटक में ओबीसी, कर्नाटक के भाजपा नेताओं से नहीं की जा सकती। शिवराज दलित और मुस्लिम एकजुट होकर कांग्रेस को मतदान करते सिंह चौहान जबरदस्त कम्युनिकेटर है। जनता से उनका है। जबकि मध्य प्रदेश में 2018 के अनुकूल वातावरण में कनेक्शन प्रदेश कांग्रेस के किसी भी नेता की तुलना में बहुत तोलना में बहुत प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जी के लोक प्रियता का कांग्रेस के पास कोई तोड़ नहीं यह बात भारतीय जनता पार्टी संस्कृति प्रकोष्ठ के नगर जिला मीडिया प्रभारी मंगेश श्रीवास्तव ने कही।