मालिक के खाते से दस लाख से ज्यादा की ऑनलाईन ठगी करने वाले नौकर को राज्य साइबर पुलिस, उज्जैन ने किया गिरफ़्तार।

आरोपी बी. कॉम ग्रेजुएट है और इंदौर से कर रहा है सीए की पढ़ाई, बैंकिंग और अकाउंटिंग अच्छे से जानता है, आरोपी ने कई बैंक खाते खुलवा रखे है, जिसमें कोटक महिन्द्रा बैंक के खातें में ही 55 लाख रुपये के हुए है ट्रांजेक्शन।आरोपी मूलतः बैरागढ़ का रहने वाला है, उज्जैन में पढाई करने आया था,
आरोपी फरियादी के यहां करता था अकाउंटेंट का काम मालिक के साथ किया विश्वासघात और लगा दी लाखों की चपत ,साथ काम करने वाले अन्य लोगो को भी लगाया है लाखो रुपये का चूना, कई जगह दबिश देकर कड़ी मेहनत के बाद भोपाल से पकड़ा गया आरोपी, ऑनलाइन मिलने वाले एक्स्चेंज पर सट्टा खेलता था आरोपी,आये दिन पार्टी करना, घुमने जाना तथा नए महंगे मोबाइल फोन चलाने का शौकीन है आरोपी।

उज्जैन। साइबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा अपराधो के तत्काल निकाल करने के संबंध में हाल ही मे श्रीमान योगेश देशमुख, अ.म.नि. (सायबर ) द्वारा दिये गये दिशा निर्देशो के पालन में की गयी कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस जोन- उज्जैन डॉ रश्मि खर्या ने बताया कि फरियादी सुरेश रंगवानी पिता गोविंदराम रंगवानी नि. 46 संतराम सिंधी कॉलोनी, सांवेर रोड, उज्जैन द्वारा राज्य साइबर सेल में 27 अप्रैल 2023 को शिकायत की फरियादी के अनुसार फरियादी के एक्सिस बैंक के खाता से विगत 04-05 माह में टुकड़ो-टुकड़ो में कुल 10,30,000 रुपये की धोखाधडी की जाना बताया। फरियादी द्वारा बैंक खाते से हुए ट्रांसफर रुपयो की कोई जानकारी नहीं थी, न ही फरियादी के पास किसी का कोई फोन कॉल आया, न ही कोई लिंक – रिमोट एप फरियादी ने डाउनलोड की है। फरियादी द्वारा अपनी बैंकींग जानकारी भी किसी अज्ञात व्यक्ति को शेयर नहीं की। फरियादी ने जब बैंक स्टेटमेंट चैक किया तब फरियादी को ठगी का अहसास हुआ। जिस पर शिकायत क्रमांक 10 / 2023 दर्ज कर जांच हेतु उप निरीक्षक अमित परिहार को सौंपी शुरुआती पूछताछ में फरियादी के यहां कार्यरत सभी कर्मचारियों से ठगी के संबंध में पूछताछ की गई सभी ने ठगी करने से साफ इंकार किया। लगभग 20 दिन की जांच उपरांत डिजिटल तथ्य व अन्य तकनीकी जानकारी के आधार अपराध क्रमांक 74 / 2023 धारा 409, 420 भादवि व 66 – सी आई. टी. एक्ट (सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम) अंतर्गत दिनांक 07.06.2023 पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया।

विवेचना में आये साक्ष्यों के आधार पर कर्मचारी आरोपी कुणाल कटारिया को पकडने हेतु एक विशेष टीम निरीक्षक रीमा यादव कुरील, उ.नि. अमित परिहार, स.उ.नि. हरेन्द्रपाल सिंह राठौर व प्र.आर. कमलाकर उपाध्याय की गठित कर दबिश हेतु रवाना किया गया। टीम द्वारा कई जगह दबिश देकर कडी मेहनत के बाद बैरागढ़ भोपाल से आरोपी कुणाल कटारिया पिता हेमन्त कटारिया को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की। पुछताछ पर आरोपी द्वारा बताया कि मालिक ने अकाउंटिंग के लिये अक्टूबर 2022 में नौकरी पर रखा था, अकाउंटस के काम के साथ दुकान पर आने वाले सामान की बिल्टी चैक करना, ग्राहको के लेन-देन की डायरी देखना, व्यापारियो का हिसाब-किताब रखने का काम भी किया करता था। मालिक को मोबाइल फोन से ऑनलाइन लेन-देन करते समय आरोपी ने मालिक के फोन का पासवर्ड, इंटरनेट बैंकिंग का आई.डी. पासवर्ड और ट्रांजेक्शन एप का पिन देख लिया था, आरोपी कुणाल के अच्छे काम को देखकर मालिक को आरोपी पर ज्यादा भरोसा हो गया था आरोपी ने इसी विश्वास का फायदा उठाकर 04-05 माह के भीतर मालिक के ही फोन से उनके ट्रांजेक्शन एप और इंटरनेट बैंकिंग एप का उपयोग कर 05 अलग-अलग बैंक खातों में 10,30,000 रुपये ट्रांस्फर कर ऑनलाइन ठगी की। अन्य लोगो के साथ की गई ठगी की जानकारी प्राप्त हुई, विभिन्न तकनीकी जानकारी के आधार पर अन्य पीडितो जिनके साथ ठगी हुई है से साक्ष्य जुटाये जा रहे है।

राज्य साइबर पुलिस, उज्जैन के दल जिसमें निरीक्षक रीमा यादव कुरील, उ.नि. अमित परिहार, उ. नि. हिमांशु चौहान, स.उ.नि. हरेन्द्रपाल सिंह राठौर, प्र.आर. कमलाकर उपाध्याय, आर. कमल सिंह वरकड़े, तृप्ति लोधी, की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

क्या रखे सावधानी।

अपने मोबाइल का पासवर्ड, पिन तथा बैंकिंग पासवर्ड बेहद गोपनीय रखें और किसी के साथ शेयर न करें, अपने विश्वास पात्र को भी न बतायें।
अपना मोबाइल फोन किसी को इस्तेमाल करने के लिये न दें यदि आवश्यक हो तो स्वयं की उपस्थिति में ही देवें ।

समय-समय अपने बैंक से लिंक गुगलपे, फोनपे, पेटीएम एवं इसी तरह के अन्य ट्रांजेक्शन एप के पिन बदलते रहें।

पर अपने बैंक की इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड बदलते रहें।

समय-समय पर अपने अकाउंट का बैलेंस चैक करते रहें, यदि अवैध ट्रांजेक्शन हुआ है तो तत्काल बैंक जाये।

सायबर ठगी की घटना होने पर अपने नजदीकी थाने अथवा 1930 पर एवं www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।