क्रेडिट कार्ड रिवार्ड पाइन्ट बढाने के नाम पर 6 लाख रुपये की ठगी करने वाली, बैक खाता गैंग के तीन सदस्य राज्य साइबर पुलिस उज्जैन ने दिल्ली से किया गिफ्तार।

क्रेडिट कार्ड रिवार्ड पाइन्ट बढाने के नाम पर 6 लाख रुपये की ठगी करने वाली, बैक खाता गैंग के तीन सदस्य
राज्य साइबर पुलिस, उज्जैन की गिरफ्त में ।
क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड पाइंट बढ़ाने का झांसा देकर दिया था ठगी को अंजाम ।
क्रेडिट कार्ड व बैंक खाते की निजी जानकारी व कई ओटीपी शेयर किये थे फरियादी द्वारा ।
ठगो द्वारा सबसे पहले फरियादी के
इसके बाद ठगो द्वारा फरियादी के क्रेडिट कार्ड से एक ही सिरीज के
क्रेडिट कार्ड की पुरी लिमिट का आहरण किया ।
केडिट कार्ड पर भी लोन लेकर आहरण किया गया।
नम्बर पर करते थे मेसेज जो भी मेसेज को सही समझ कर
कॉल करता, उसे रिमोट एप (क्विक सपोर्ट, एनीडेस्क टीम व्यूवर) आदि डाउनलोड करवाकर उडाते थे खाते से राशि ।
5 प्रतिशत पर उपलब्ध करवा रहे है बैंक खाते ।
एक खाता फ्रीज होने पर खुलवा लेते हैं दूसरे बैंक में खाता ।
चार दिन तक संबल, चंदौसी, दिल्ली एनसीआर में कड़ी मेहनत से पकडे गये आरोपी ।
केडिट कार्ड का डाटा लेकर ठगी करने वाले दिल्ली एनसीआर में कई गैंग सकिय है जिनसे संपर्क में सभी आरोपी ।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य साइबर सेल, श्री योगेश देशमुख द्वारा नवीन एवं डिजीटल तकनीक का उपयोग कर आर्थिक साइबर अपराध के त्वरीत निराकरण के निर्देश दिये गये थे। इसी परिप्रेक्ष्य में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस, जोन- उज्जैन डॉ रश्मि खऱ्या ने बताया कि ऋषिनगर, उज्जैन (म.प्र.) निवासी फरियादी एमपीईबी से सेवानिवृत इंजिनियर के. एल. मलिक को एक को कॉल आया, कॉल करने वाले द्वारा आवेदक को उनके क्रेडिट कार्ड व बैंक खाते पर रिवार्ड पाईंट व केशबैंक देने का झांसा दिया एवं उसके बैंक खाते व क्रेडिट कार्ड से संबंधित पूर्ण जानकारी प्राप्त की व फरियादी के मोबाइल नम्बर पर आये विभिन्न ओटीपी भी प्राप्त कर फरियादी के एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड से एक बार 10,000 रुपये व एक बार 40,000 रुपये का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर आहरण कर लिया साथ ही क्रेडिट कार्ड पर 402750 /- रुपये का लोन लेकर आवेदक के एचडीएफसी बैंक खाता क्रमांक 4701000001725 में क्रेडिट किये एवं खाते में उपलब्ध राशि की ऑनलाइन ट्रांसफर की गई. इस प्रकार फरियादी के बैंक खाते में उपलब्ध राशि, क्रेडिट कार्ड की लिमिट व क्रेडिट कार्ड से लोन लेकर फरियादी के साथ लगभग 5,97,000 रुपये की ठगी की गई। जिस पर अपराध क्रमांक 52/2023 धारा 419, 420 भादवि व 66 – डी आई.टी.एक्ट में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना हेतु प्रकरण निरीक्षक अमित परिहार को सौंपा गया।
विवेचना दौरान आये डिजिटल तथ्य व अन्य तकनीकी जानकारी के आधार पर उप पुलिस अधीक्षक श्रीमति लीना मारोठ द्वारा एक विशेष टीम निरीक्षक अमित परिहार, सहायक उप निरी. हरेन्द्रपाल सिंह राठौर व प्र. आर. कमलाकर उपाध्याय को चंदौसी, गाजियाबाद उ०प्र० एवं दिल्ली के लिये रवाना किया गया। टीम द्वारा लगातार 4 दिन तक अथक प्रयास कर दिल्ली एनसीआर व चंदौसी (उ०प्र०) के अलग-अलग स्थानों पर पतासाजी कर चंदौसी से आकाश शर्मा पिता मुन्नालाल शर्मा निवासी मोहल्ला महाजन, चन्दौसी, विभु उर्फ आदित्य वार्ष्णेय पिता विनीत वार्ष्णेय निवासी मोती मोहल्ला, चन्दौसी तथा पवन वार्ष्णेय पिता स्व. विनोद वार्ष्णेय निवासी 56. बिसौली गेट, सेठ हलवाई के पास, चन्दौसी जिला संबल उ.प्र. को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय, इंदौर पेश कर पुलिस रिमांड लिया गया। पुछताछ पर आरोपी आकाश शर्मा ने बताया कि वीभू उर्फ आदित्य वार्ष्णेय ने

मुझे दिसंबर 2022 में बताया कि एक अमाउंट अपने बैंक खाते में डलवा दो उसके बदले तम्हे कुछ रुपये दे दुंगा, तब आकाश ने अपने बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में 50000-50000 रुपये 2 बार प्राप्त कर वीभू के बताये अनूसार 50000 व 48500 रुपये गुगल पे से युपीआई के माध्यम से भेज दिये थे, एक लाख रुपये में से 1500 रुपये व 3500 रुपये नकद भी रुपये कमीशन के तौर पर लिए थे। आरोपी वीनू वार्ष्णेय उर्फ आदित्य वार्ष्णेय ने बताया कि वर्ष 2022 में दिसंबर में विवेक तोमर ने मुझे बताया कि कुछ रुपये कमाने हैं तो मुझे अपना बैंक खाता दो मैं उसमें कुछ ट्राजेक्शन करवाउंगा, जिसके बदले में तुम्हे कमीशन ढुंगा, मैंने अपने दोस्त आकाश शर्मा को कमीशन की बात बताई, फिर विवेक तोमर को आकाश शर्मा का बैंक खाता दिया व उसमें 1 लाख रुपये जमा करवाये, आकाश के बैंक खाते में रुपये जमा होने के बाद मैने उसे अपने छोटे भाई के नंबर 9837310020 पर 50000 रुपये यूपीआई से ट्रांसफर करवाये और एक दुसरे युपीआई पर 48000 रुपये ट्रांसफर करवाये। इसके बदले आकाश को 1500 रुपये उसके खाते में रहने दिये व 3500 रुपये नकद दिये थे आरोपी पवन ने बताया कि विवेक तोमर ने अक्टुबर – नवम्बर 2022 में रुपये अपने बैंक खाते में डलवाने के लिए अच्छा कमीशन देने की बात कही। इसके बाद विवेक ने खाते 1-1 लाख रुपये खाते में ट्रॉसफर करवाये और किसी का क्यूआर कोड भेजा और क्युआर कोड पर रुपये ट्रॉफसर करने का बोला तो मैने तत्काल ट्रॉसफर कर दिये थे। इसके बदले विवेक तोमर ने मुझे करीब 15000 रुपये दिये थे। आरोपियों द्वारा अन्य लोगों के साथ की गई ठगी के संबंध में अन्य जानकारी जुटाई जा रही है व अन्य बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। प्रकरण में वांछित अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
राज्य साइबर पुलिस, उज्जैन के दल जिसमें निरीक्षक आरडी कानवा, निरीक्षक अमित परिहार, निरीक्षक देवराज सिंह रावत, निरीक्षक मोहन सिंह सौलंकी, उप निरी सत्येंद्र सिंह, सहायक उप निरीक्षक हरेन्द्रपाल सिंह राठौर, प्रधान आरक्षक कमलाकर उपाध्याय, आर. कमल सिंह वरकडे, आर. सुनिल पंवार, महिला आर. तृप्ति लोधी, महिला आर. रजनी निंगवाल व महिला आर. सोना सौलंकी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। चंदौसी, गाजियाबाद उ०प्र० एवं दिल्ली के लिये रवाना होने वाली विशेष टीम निरीक्षक अमित परिहार, सहायक उप निरी. हरेन्द्रपाल सिंह राठौर व प्र.आर. कमलाकर उपाध्याय ।
      ” Advisory ”
कभी किसी मेसेज पर विश्वास नही करे।
बैंक के सबंध में कोई भी मेसेज प्राप्त होने पर बैंक जाकर ही जानकारी प्राप्त करे।
रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर एनीडेस्क, क्विक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल नही करे । फोन कॉल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशो का पालन कतई नहीं करे।
वाईस चेंजर एप से सावधान रहे किसी भी नये नम्बर से आई आवाज पर विश्वास नही करे। 

अपनी निजी जानकारी सोशल मिडिया पर पोस्ट नही करे।
 आनलाइन पार्टटाइम जॉब आनलाइन टास्क व फर्जी शेयर मार्केट एप से सतर्क रहे व किसी बैक खाते में रुपये जमा नही करे।
पुलिस अथवा अन्य जाँच एजेसियो द्वारा आनलाइन विडियो कॉल पर गिरफ्तारी नहीं की जाती है फर्जी कॉल से सावधान रहे।