उज्जैन। बजाज आरबीएल केडिट कार्ड की k. Y. C करने का कार्य करता था आरोपी। केडिट कार्ड डिलेवर होने के बाद एक्टिवेशन के बहाने से कार्ड नम्बर, एक्सपायरी डेट, cvv. व मोबाइल पर ओटीपी देखकर करता था ठगी। आरोपी द्वारा 15 से अधिक लोगो के केडिट कार्ड से किया था 6 लाख से अधिक का ट्रांजेक्शन ।I कोेडिट कार्ड का बिल जनरेट होने व बिल जमा नही करने पर रिकवरी एजेट के जाने पर कार्ड धारको को अपने साथ हुई ठगी का आभास हुआ। पेटीएम, फोनपे, केड एप यूपीआई एप्स के रेन्ट पेमेंट ऑप्शन का उपयोग कर क्रेडिट कार्ड से बँंक खाते मे प्राप्त करता था राशि। अपने दोस्तो, रिश्तेदारो के बैंक खातो में जमा करवाता था केडिट कार्ड से राशि ट्रॉसफर। K. Y. C., करने के दौरान बात चीत से पहचान करता था आरोपी एवं कार्ड धारक की फाइनेशियल समझ के आधार पर करता था ठगी। पुलिस विभाग के ए.एस.आई, बीज निगम के अधिकारी, पालिटेकि्निक कालेज के इंस्ट्रक्टर हास्पिटल के कर्मचारी, हाटकेश्वर विहार कालोनी के किराना दुकान संचालक, पी.डब्ल्यू डी कर्मचारी., शासकीय कन्या महाविद्यालय की कर्मचारी, नागझिरी के इलेवि्ट्रिकल दुकानदार, ईट भटटे पर काम करने वाले, आटो ड्राइवर व मजदूरी करने वाले आदि के साथ की गई ठगी। फ्रॉड करने के बाद खुरईं (सागर), भोपाल, शाजापुर, जयपुर, उदयपुर, मथुरा आदि क्षेत्रो मे काटी फरारी। सभी केडिट कार्ड धारको की सिविल हुई खराब वं बैंक की और से आया लीगल नोटिस ।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य साइबर सेल, श्री ए.साई मनोहर द्वारा नवीन एवं डिजीटल तकनीक का उपयोग कर आर्थिक साइबर अपराध के त्वरीत निराकरण के निर्देश दिये गये थे। पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस., जोन- ए उज्जैन श्री सव्यसाची सर्राफ ने बताया कि उज्जैन के बजाज फिनसर्व के अधिकारी सौरभ धाकड द्वारा एक शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जिसमे उन्होने बताया की उनके कार्यालय में बजाज फिनसर्व आर.बी.एल. केडिट कार्ड धारको द्वारा उनकी बिना किसी जानकारी के केडिट कार्ड से अवैध ट्राजेक्शन होने के संबंध में लगातार शिकायते उनके कार्यालय में प्राप्त हो रही है। कार्ड धारको के अनूसार उनके पास न कोई कॉल आया, न ही उनके द्वारा किसी को वन टाइम पासवर्ड बताया व ही कोई रिमोट एष्लिकेशन उनके द्वारा इसंटाल किया गया। इस संबध में कार्ड धारको की जानकारी के सूची प्रदान की गई। प्रकरण की गभीरता देखते हुए, जिसमें कार्ड धारको की पृथम दृष्टया कोई भी गलती नही होने पर उप पुलिस अधीक्षक श्रीमति लीना मारोठ के दिशा निर्देशन में अपराध क्रमांक 23/ 2024 धारा 419,420 भादवि व 66-सी आई.टी.एक्ट में अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया, प्रकरण की विवेचना के दौरान आवेदको से पुछताछ की गई जिस आधार पर क्रेडिट कार्ड k y c करने के अधिकृत कर्मचारी यांशु शर्मा पिता स्व.श्री प्रमोद कुमार शर्मा निवासी शास्त्री नगर, उज्जैन की भूमिका संदेहास्पद होना ज्ञात हुआ। आनलाइन ट्रांजेक्शन के संबंध पेमेंट प्रोसेस करने वाली युपीआई एप्स से जानकारी एकत्र की गई। तकनीकी जानकारी के आधार पर बेनिफिशयरी बैंक खाताधारको व युपीआई एप मे रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर के धारको से पुछताछ की गई। विवेचना
उपरांत बजाज फिनसर्व के आफ रोल कर्मचारी की संलिप्तता साक्ष्यो के आधार पर पाये जाने के अपराध में धारा 409 भादवि का इजाफा किया गया।
विवेचना दौरान आये डिजिटल तथ्य, मुखबीर तंत्र व अन्य तकनीकी जानकारी के आधार पर उप पुलिस अधीक्षक श्रीमति लीना मारोठ द्वारा एक विशेष टीम निरीक्षक अमित परिहार, सहायक उप निरीकषक हरन्रपाल सिंह राठौर व प्रवीण सिंह पवार की टीम को आरोपी की गिरफतारी हेतु लगाया गया। टीम द्वारा आरोपी की लगातार तलाश के प्रयास किये गये। यांशु शर्मा द्वारा काइम वेब सिरीज व फिल्मो से मिले ज्ञान के आधार पर अपनी सिम व मोबाइल फोन को बन्द कर एक वर्ष में खुरई (सागर), भोपाल, शाजापुर, जयपुर, उदयपुर, मथुरा आदि क्षेत्रो मे फरारी काटी। मुखबीर से प्राप्त सुचना के आधार पर यांशु शर्मा को इन्दौर रोड रिथत त्रिवेणी हिल्स कालोनी, इन्दौर रोड से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की गईं। केडिट कार्ड से बैंक खाते में राशि प्राप्त करने का रेन्ट पेमेंट आप्शन आमजन को पता नही होने से ठगी करना आसान था, k. Y. C प्रकिया के दौरान कार्ड धारक को विश्वास होने से कार्ड धारक द्वारा कार्ड एक्टिव करने के केडिंट कार्ड के साथ अपना मोबाइल फोन भी याशु शर्मा को दे दिया जाता, यांशु शर्मा द्वारा इस दौरान केडिट कार्ड का नम्बर, सी.वी.वी. व एक्सपायरी डेट व वन टाइम पासवर्ड लेकर केडिट कार्ड से लिमिट अनूसार राशि का आहरण कर लिया जाता। ट्राजेक्शन करने के बाद रुपये मोबाइल पर आये वन टाइम पासवर्ड व डेबिट होने के मेसेज को डिलिट कर देता। यांशु शर्मा ने बताया की उसके द्वारा अगस्त 2023 में पहली बार केडिट कार्ड धारक से ठगी की गई थी, जिसके बाद कोई शिकायत नही हुईं , जिससे उसका हौसला बुलंद हो गया। आरोपी के बैंक खाते में अगस्त 2023 से दिसम्बर 2023 के मध्य लगभग 10 लाख रुपये का ट्राजेक्शन हुआ है। आरोपी पुछताछ पर आरोपी याशु शर्मा द्वारा बताया की उस पर कर्जा होने के कारण उसके द्वारा केडिट कार्ड धारको से साथ टगी करने की योजना बनाना स्वीकार किया। आरोपी से प्रकरण में प्रयुक्त हुए मोबाइल फोन, बैंक खाते की चेकबुक, कम्पनी से प्राप्त सेलरी सिलिप व टर्मीनेशन लेटर आदि की जप्त कर कार्यवाही की गईं। आरोपी द्वारा ठगी की राशि फरारी के दौरान खर्च करना बताया। प्रकरण में पूर्व में दो आरोपियो के विरुद्द वैधानिक कार्यवाही की जा चुकी है।
राज्य साइबर पुलिस, उज्जैन के दल जिसमें निरीक्षक अमित परिहार, उप निरीकषक जितेन्द्र सिंह सोलंकी, सहायक उप निरीक्षक हरेन्द्रपाल सिंह राठौर व प्रवीण सिंह पंवार, आर. कमल सिंह वरकडे, प्रदीप अपना एटीएम (डेबिट / केडिट काड) व मोबाइल फोन किसी को नही प्रदान करे। फर्जी कॉलर पर कभी विश्वास नही करे व किसी प्रकार के केस में गिरफ्तारी के भय से कोई राशि कतई जमा नही करे। निवेश पर निश्चित लाभ प्रदान करने के झांसे में कभी न आये। केवल विश्वसनीय ट्रेडिंग प्लेटफार्म व अपने परिचित फाइनेंशियल एडवाईजर से ही सम्पर्क कर निवेश करे। रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, वि्वक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल नही करे। फोन कॉल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशो का पालन कतई नहीं करे। अपनी निजी जानकारी सोशल मिडिया पर पोस्ट नही करे यादव व सुनिल पंवार, महिला आर. तृप्ती लोधी, रजनी निंगवाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
Advisory – अपना एटीएम (डेबिट / केडिट काड) व मोबाइल फोन किसी को नही प्रदान करे।
फर्जी कॉलर पर कभी विश्वास नही करे व किसी प्रकार के केस में गिरफ्तारी के भय से कोई राशि कतई जमा नही करे।
निवेश पर निश्चित लाभ प्रदान करने के झांसे में कभी न आये।
केवल विश्वसनीय ट्रेडिंग प्लेटफार्म व अपने परिचित फाइनेंशियल एडवाईजर से ही सम्पर्क कर निवेश करे।
रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, क्विक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल नही करे।
फोन कॉल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशो का पालन कतई नहीं करे।
अपनी निजी जानकारी सोशल मिडिया पर पोस्ट नही करे।