उज्जैन 16 दिसम्बर। उज्जैन के महानंदा नगर सी सैक्टर मे रहने वाली सोनम टैगोर अपने माता-पिता की एकमात्र संतान(Single Girl Child) है। सोनम के पिता एक केबल ऑपरेटर के रूप मे 6000 रुपये प्रतिमाह की अल्पवेतन की नौकरी करते हैं एवं माता महेश्वरी टैगोर एक गृहणी हैं. इसके बाद भी सोनम के माता – पिता ने सतत संघर्ष कर अपनी एकमात्र पुत्री को अच्छे संस्कार दिए एवं अच्छे संस्थानों में पढाई करवाई. सोनम ने उज्जैन पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा एवं महाकाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक शिक्षा पूर्ण करी है.
उज्जैन से शिक्षा पूर्ण करने के बाद सोनम ने अहमदाबाद में प्रशिक्षण प्राप्त कर 12000 रुपये प्रतिमाह की जॉब से अपना करियर स्टार्ट किया. निरंतर सीखते रहने और कोशिशों के बाद 4 साल में ही वोडाफ़ोन जैसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कम्पनी में 40000 रुपये की जॉब प्राप्त कर ली.
इसके बाद भी सोनम संतुष्ट नहीं थी और अपने कौशल में विकास करना उन्होंने जारी रखा. इसी बीच उन्हें मध्यप्रदेश शासन की अनुसूचित जाति विकास विभाग की मध्यप्रदेश शासन ओवरसीज स्कालरशिप योजना के बारे में पता चला. जिसमे मध्यप्रदेश शासन विभिन्न वर्गों के छात्रों को विदेश में स्थापित प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में पढाई करने के लिए ट्यूशन फीस एवं अन्य खर्चों के लिए सहायता देती है. सोनम को इस योजना के बारे में पता चला तो उन्होंने इसकी पूरी जानकारी उज्जैन के आदिम जाति विभाग के कार्यालय से प्राप्त की. इस योजना का लाभ प्राप्त करने में सोनम के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती थी, किसी प्रतिष्ठित शिक्षण संसथान में प्रवेश प्राप्त करना. जिसके लिए अंग्रेजी भाषा की परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी होती है. किन्तु सोनम की निरंतर सीखते रहने की आदत ने यहाँ भी उसका साथ दिया, साथ ही वोडाफोन में कार्य करने का अनुभव भी काम आया. जिससे कुछ ही प्रयासों में सोनम ने इस परीक्षा को उत्तीर्ण किया और ऑस्ट्रेलिया की प्रतिष्ठित ला-ट्रोब यूनिवर्सिटी, मेलबोर्न में एमबीए के कोर्स में प्रवेश प्राप्त किया.
सोनम का संघर्ष यहीं समाप्त नहीं हुआ, कोविड महामारी के दौरान सोनम के पिता की जॉब चली गयी. जिससे सोनम को ऑस्ट्रेलिया में पढाई के साथ पार्ट-टाइम जॉब भी करनी पड़ी, परन्तु सोनम ने दोनों काम को कुशलता के साथ किया.
जनवरी 2021 सोनम ने ला-ट्रोब यूनिवर्सिटी, मेलबोर्न से एमबीए का कोर्स सफलतापूर्वक पूर्ण किया एवं जुलाई 2021 में एरिक्सन कंपनी में 44 लाख रुपये सालाना का पैकेज प्राप्त किया.
सोनम इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती है. साथ ही वह इसे भगवान महाकाल का आशीर्वाद मानती हैं. सोनम मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान (मामाजी) का भी धन्यवाद करती हैं जिनकी योजना के कारण वह एक ऊँचा मुकाम हासिल कर पाई।
सोनम के माता-पिता का कहना है कि वह बचपन से ही महत्वाकांक्षी रही हैं एवं कुछ बड़ा करने की सोच रखती हैं. आज भी सोनम ऑस्ट्रेलिया से ही अपने माता-पिता का ख्याल रखती है एवं उनकी सभी जरूरतों का ध्यान रखती हैं. सोनम का यह भी संकल्प है कि वह अपने जिले एवं प्रदेश की लड़कियों को आगे बढ़ने में मदद करना चाहती हैं, जिसके लिए भविष्य में कार्य करने की इच्छा है ।