आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तारित करने हेतु जिले में 19 एम्बुलेंस प्राप्त होगी, मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल से संजीवनी एम्बुलेंस एवं जननी एक्सप्रेस का लोकार्पण किया, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि वीसी के माध्यम से लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए।
उज्जैन । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आपातकालीन एम्बुलेंस सेवाओं के विस्तार के लिये एकीकृत रैफरल ट्रांसपोर्ट प्रणाली में 108 संजीवनी एम्बुलेंस, जननी एक्सप्रेस आदि का आज शुक्रवार 29 अप्रैल को पूर्वाह्न में भोपाल के लाल परेड ग्राउण्ड से लोकार्पण किया। इस अवसर पर उज्जैन एनआईसी कक्ष में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, उज्जैन उत्तर विधायक श्री पारस जैन, श्री विवेक जोशी, श्री बहादुरसिंह बोरमुंडला, अपर कलेक्टर श्री अवि प्रसाद सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तारीकरण के लिये जिले में 19 एम्बुलेंस प्राप्त होगी। स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से विस्तारित नि:शुल्क एम्बुलेंस उपहार में मिली है। नागरिकों की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध कराये गये हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.संजय शर्मा को निर्देश दिये कि आयुष्मान निरामय योजना के तहत किन-किन बीमारियों का नि:शुल्क इलाज जिला अस्पताल में होता है, इस सम्बन्ध में अस्पताल परिसर में बोर्ड लगाया जाये, ताकि आमजन को उक्त योजना की जानकारी प्राप्त हो सके। उज्जैन जिले में पांच बेसिक लाईफ सपोर्ट सिस्टम के 108 नये वाहन एवं 14 जननी एक्सप्रेस के नये वाहन और उपलब्ध होंगे। अभी जिले में नौ बेसिक लाईफ सपोर्ट सिस्टम के 108 वाहन चलाये जा रहे थे। अब जिले में कुल 28 एम्बुलेंस हो जायेगी। नई एम्बुलेंस सेवा में मौके पर तीन प्रकार के वाहन शामिल हैं। इनमें एडवांस लाईफ सपोर्ट वाहन, बेसिक लाईफ सपोर्ट एम्बुलेंस तथा जननी एक्सप्रेस वाहन शामिल हैं। भोपाल से वीसी के माध्यम से लोकार्पण कार्यक्रम का शुभारम्भ दीपदीपन के साथ किया और सिंगल क्लिक से शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्बोधन में कहा कि जनता की जिन्दगी बचाने का यह महाअभियान है। कोई व्यक्ति बीमार हो जाये तो समय पर उनके इलाज की सुविधा होना चाहिये। इसी दृष्टि से पीड़ित व्यक्ति को एम्बुलेंस बुलाकर तुरन्त अस्पताल पहुंचाया जाकर इलाज हो सके। शासकीय अस्पतालों के साथ-साथ प्रायवेट अस्पताल जो आयुष्मान निरामय योजना के अन्तर्गत आते हैं, उन अस्पतालों के लिये भी एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध रहेगी। प्रायवेट वाहन ढूंढने की आवश्यकता नहीं होगी। अब पीड़ित व्यक्ति शुल्क देकर एम्बुलेंस को प्रायवेट अस्पताल तक ले जाने के लिये इस्तेमाल कर सकता है। मप्र सरकार का लक्ष्य है। कोई भी गरीब बिना इलाज के न रहे। लोगों की जिन्दगी बचाने का काम पुण्य का काम है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक जिले में गंभीर बीमारियों की जांच परीक्षण करने के लिये शिविर आयोजित किये जायेंगे। शिविर के माध्यम से गंभीर पीड़ित व्यक्तियों के इलाज का खर्चा सरकार उठायेगी और उनका इलाज करवा कर उन्हें जीवन दान देने का काम करेगी। 25 हजार की आबादी वाले कस्बों में संजीवनी क्लिनिक खोले जायेंगे। सरकार का लक्ष्य है टीबी की बीमारी को 2030 तक समाप्त करना है। उन्होंने एम्बुलेंस संचालकों को निर्देश दिये हैं कि वे अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सही करें और पीड़ित व्यक्ति को समय पर वाहन उपलब्ध कराया जाये।