उज्जैन। न्यायालय श्रीमान संजय श्रीवास्तव, पंचम अपर सत्र न्यायाधीश, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी भूरा उर्फ महेश पिता गिरधारी माली उम्र-23 वर्ष, निवासी-जयसिंहपुरा, उज्जैन को धारा 302 भादस में आजीवन कारावास एवं आयुध अधिनियम में 03 वर्ष का सश्रम कारावास तथा कुल 1500/- के अर्थदंड से दंडित किया गया।
उप-संचालक अभियोजन डॉ० साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि आरक्षी केन्द्र महाकाल जिला उज्जैन के अंतर्गत जयसिंहपुरा कलाली के अहाते में उक्त कलाली के सामने रहने वाला रोहित पिता देवचंद माली तथा जयसिंहपुरा में ही रहने वाला अभियुक्त भूरा उर्फ महेश पिता गिरधारी माली, उक्त जयसिंहपुरा कलाली में अक्सर शराब पीने के लिये जाते थे, इस कारण से उक्त कलाली में कार्य करने वाला कर्मचारी राजेश उर्फ गबरू उन्हें पहचानता था। घटना दिनांक 15.11.2020 को 1:30 बजे के लगभग रोहित माली जयसिंहपुरा स्थित उक्त कलाली के अहाते में बैठकर शराब पी रहा था, उक्त अहाते में अन्य कई लोग, जिनमें जयसिंहपुरा निवासी दिलीप गौड, चेतन परमार भी थे, बैठकर उस समय शराब पी रहे थे, उसी समय अभियुक्त भूरा उर्फ महेश भी कलाली में आ गया तथा रोहित माली से बातचीत करने लगा। इसके बाद अभियुक्त ने अन्य लोगों से भी बात की, दीपावली होने से लोगों के पैर भी छुए। इसके बाद अभियुक्त वापस रोहित माली के पीछे आकर खड़ा हो गया तथा पुरानी रंजिश को लेकर उसने अपनी जेब से चाकू निकालकर रोहित माली के गले में दो बार मारा, जिससे अहाते में मौजूद लोगों में भगदड मच गयी। घायल रोहित माली भी गले में कपड़ा डालकर कलाली के सामने की तरफ अपनी काकी बिन्दियाबाई के घर के अहाते के बाहर जाकर लेट गया और अभियुक्त कलाली के पीछे से भाग गया। इसके बाद अभियुक्त पुनः कलाली मे पिछले गेट तक आया और हाथ में चाकू हवा में लहराते हुए बोला कि मैं यहां का डान हूँ। घटना के समय कलाली के अहाते में कलाली के अन्य कर्मचारी दीपक कुशवाह, अजय मालवीय व शराब काउंटर पर कन्हैयालाल भी थे, जिन्होंने भी घटना देखी। रोहित माली घायल अवस्था में अपनी काकी बिन्दियाबाई के घर के बाहर अहाते में गिर गया, वहाँ पर गबरू उर्फ राजेश ने बिंदियाबाई और उसके भतीजे सुनील को घटना के बारे में बताया। सुनील और चिनगारी मोटर सायकल से रोहित को बड़े अस्पताल ले गये, जहाँ डाक्टर ने रोहित को मृत घोषित कर दिया। थाना महाकाल द्वारा आरोपी के विरूद्ध अपराध पजींबद्ध किया गया एंव आवश्यक अनुसंधान पश्चात् अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।
प्रकरण में महत्वपूर्ण साक्ष्य सी.सी.टी.व्ही फुटेज एवं डी.एन.ए. रिपोर्ट रही। प्रकरण की विवेचना तत्कालीन निरीक्षक श्री अरविन्द सिंह तोमर के द्वारा की गई थी।
प्रकरण में पैरवी श्री नितेश कृष्णन, विशेष लोक अभियोजक एवं श्री अमित छारी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जिला उज्जैन द्वारा की गई। साक्षियो पर नियंत्रण कोर्ट मुंशी प्रधान आरक्षक महेश चौहान द्वारा रखी गई। प्रकरण में मार्ग दर्शन उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास द्वारा दिया गया।