उज्जैन। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य साइबर सेल, श्री योगेश देशमुख द्वारा नवीन एवं डिजीटल तकनीक का उपयोग कर आर्थिक साइबर अपराध के त्वरीत निराकरण के निर्देश दिये गये थे। इसी परिप्रेक्ष्य में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस, जोन- उज्जैन डॉ रश्मि खऱ्या ने बताया कि ऋषिनगर, उज्जैन (म.प्र.) निवासी फरियादी एमपीईबी से सेवानिवृत इंजिनियर के. एल. मलिक को एक को कॉल आया, कॉल करने वाले द्वारा आवेदक को उनके क्रेडिट कार्ड व बैंक खाते पर रिवार्ड पाईंट व केशबैंक देने का झांसा दिया एवं उसके बैंक खाते व क्रेडिट कार्ड से संबंधित पूर्ण जानकारी प्राप्त की व फरियादी के मोबाइल नम्बर पर आये विभिन्न ओटीपी भी प्राप्त कर फरियादी के एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड से एक बार 10,000 रुपये व एक बार 40,000 रुपये का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर आहरण कर लिया साथ ही क्रेडिट कार्ड पर 4,02,750 /- रुपये का लोन लेकर आवेदक के एचडीएफसी बैंक खाता क्रमांक 4701000001725 में क्रेडिट किये एवं खाते में उपलब्ध राशि की ऑनलाइन ट्रांसफर की गई, इस प्रकार फरियादी के बैंक खाते में उपलब्ध राशि, क्रेडिट कार्ड की लिमिट व क्रेडिट कार्ड से लोन लेकर फरियादी के साथ लगभग 5,97,000 रुपये की ठगी की गई। जिस पर अपराध क्रमांक 52/2023 धारा 419, 420 भादवि व 66 – डी आई. टी. एक्ट में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना हेतु प्रकरण निरीक्षक अमित परिहार को सौंपा गया था जिसमें माह मई 2024 में तीन आरोपियो को गिरफ्तार किया
गया था।
विवेचना दौरान आये डिजिटल तथ्य, मुखबीर तंत्र व अन्य तकनीकी जानकारी के आधार पर उप पुलिस अधीक्षक श्रीमति लीना मारोठ द्वारा एक विशेष टीम निरीक्षक अमित परिहार, सहायक उप निरी. हरेन्द्रपाल सिंह राठौर व प्र.आर. कमलाकर उपाध्याय व म. आर. तृप्ति लोधी को चंदौसी, जिला संभल उ०प्र० के लिये रवाना किया गया। टीम द्वारा लगातार अथक प्रयास के चंदौसी जिला संभल ( उ०प्र०) के संवेदनशील क्षेत्र सिकरी गेट से मो. फैजान पिता मो. इस्लाम को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय, इंदौर पेश कर पुलिस रिमांड लिया गया। पुछताछ पर आरोपी फैजान द्वारा अपना मोबाइल नम्बर व बैंक खाता अपने साथी विवेक तोमर व लवी कोकमीशन पर देना बताया व एक खाता पुलिस द्वारा बद करवाने पर दुसरा बैंक खाता खुलवाकर ठगी हेतु उपयोग में देना बताया। जिसके बदले कमीशन प्राप्त करना व उसी पर अय्याशी करना बताया। पूर्व में जब राज्य साइबर सेल की टीम द्वारा अन्य आरोपियो की गिरफ्तारी की गई थी, तब खबर मिलते ही मोबाइल बन्द कर हो गया था फरार, सुरत, गुजरात व हरियाणा में फरारी काटना स्वीकार किया। आरोपियों द्वारा अन्य लोगो के साथ की गई ठगी के संबंध मे अन्य जानकारी जुटाई जा रही है व अन्य बैंक खातो की जानकारी जुटाई जा रही है। प्रकरण में वांछित अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। प्रकरण में आरोपी से ठगी में प्रयुक्त बैंक खाते की पासबुक जब्त की गई। आरोपी द्वारा पकडे जाने व साक्ष्य नष्ट करने के उद्देश्य से मोबाइल तोड दिया गया था, पुलिस द्वारा टूटा हुआ मोबाइल फोन बरामद किया गया है जिसकी फारेन्सिक जॉच की जा रही है।
राज्य साइबर पुलिस, उज्जैन के दल जिसमें निरीक्षक आरडी कानवा, निरीक्षक अमित परिहार, निरीक्षक देवराज सिंह रावत, उप निरी. सत्येंद्र सिंह, सहायक उप निरीक्षक हरेन्द्रपाल सिंह राठौर, प्रधान आरक्षक कमलाकर उपाध्याय, महिला आर. तृप्ति लोधी, आर. कमल सिंह वरकडे, आर. सुनिल पंवार, महिला आर. रजनी निंगवाल व महिला आर. सोना सौलंकी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। चंदौसी जिला संभल उ०प्र० के लिये रवाना होने वाली विशेष टीम निरीक्षक अमित परिहार, सहायक उप निरी. हरेन्द्रपाल सिंह राठौर व प्र. आर. कमलाकर उपाध्याय व म. आर. तृप्ति लोधी ।
Advisory
कभी किसी मेसेज पर विश्वास नही करे ।> फर्जी कालर पर कभी विश्वास नही करे व किसी प्रकार के केस में गिरफ्तारी के भय से राशि कतई जमा नही करेबैंक के सबंध में कोई भी मेसेज प्राप्त होने पर बैंक जाकर ही जानकारी प्राप्त करे ।
> रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, क्विक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल नही करे ।
फोन कॉल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशो का पालन कतई नहीं करे।
वाईस चेंजर एप से सावधान रहे किसी भी नये नम्बर से आई आवाज पर विश्वास नही करे ।> अपनी निजी जानकारी सोशल मिडिया पर पोस्ट नही करे ।
आनलाइन पार्टटाइम जॉब, आनलाइन टास्क व फर्जी शेयर मार्केट एप से सतर्क रहे व किसी बैक खाते मे रुपये जमा नही करे।
पुलिस अथवा अन्य जाँच एजेसियो द्वारा आनलाइन विडियो कॉल पर गिरफ्तारी नही की जाती है फर्जी कॉल से सावधान रहे।
धोखाधड़ी होने पर राज्य सायबर सेल के हेल्पलाइन नम्बर 1930पर कॉल कर अपनी शिक़ायत दर्ज़ करे।